कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी से एक बार फिर मंत्री बनाने की मांग उठी है। जबलपुर क्षेत्र से मंत्रिमंडल में समुचित प्रतिनिधित्व की मांग की गई है। पिछली बार भी जबलपुर के साथ इंसाफ नहीं हो पाया था। पिछली सरकार में भी महाकौशल के साथ मंत्रिमंडल में स्थान नहीं देने का मुद्दा छाया रहा। इसके साथ ही जबलपुर में कैबिनेट बैठक आयोजित करने की मांग की गई है।

मंगलवार को जबलपुर में विभिन्न संगठनों ने बैठक कर जबलपुर क्षेत्र से मंत्रिमंडल में समुचित प्रतिनिधित्व देने और जबलपुर में कैबिनेट बैठक आयोजित करने की मांग की। विभिन्न संगठनों ने कहा कि पिछली बार भी सरकार में जबलपुर ही नहीं बल्कि समूचे महाकौशल की उपेक्षा की गई थी। लिहाजा इस बार जबलपुर और महाकौशल के साथ ऐसी स्थिति ना हो।

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संगठन ने मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में जबलपुर क्षेत्र विकास की दृष्टि से पीछे है। पिछली भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में जबलपुर को स्थान नहीं दिया गया था। जबलपुर में लगातार कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी यह आश्वासन देने के बावजूद जबलपुर में एक भी कैबिनेट बैठक नहीं की गई।

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आपको बता दें कि एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में जबलपुर की आठ विधानसभा में 7 सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में जिले की हिस्सेदारी होने की मांग तेज हो गई है। संगठनों ने कहा कि एमपी सरकार के मंत्रिमंडल में जिले की हिस्सेदारी होना चाहिए।

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