उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में जिले के मावली कस्बे में बागोलिया बांध को लेकर एक बार फिर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। बांध के पानी का सिंचाई में उपयोग नहीं करने देने की मांग लेकर यहां के लोग बीते दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को विरोध प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि अतिरिक्त पुलिस बल बुलानी पड़ गई। भीड़ में धक्का-मुक्की होने से कई महिलाएं घायल भी हो गई। जिनका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। प्रदर्शन उग्र होने के बाद थाने में राजकार्य में बांधा डालने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।

सफाई चल रही थी तब हुई धक्का-मुक्की
रविवार दोपहर को प्रशासन की टीम जेसीबी लेकर नहर पहुंची। बांध मे लंबे समय से पानी नहीं था। जिसके कारण बांध में बहुत ज्यादा मात्रा में कचरा जमा हो गया था। इस कचरे को प्रशासन जेसीबी के माध्यम से साफ किया जा रहा था। इस पर आस-पास की पंचायतों के लोग वहां पहुंचे। महिलाएं जेसीबी के सामने खड़ी हो गई और विरोध करने लगी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। पुलिस ने उनको हटाने की कोशिश की तो धक्का-मुक्की हो गई। जिससे महिलाएं नीचे गिर गई। कुछ महिलाओं को हल्की चोट भी लगी।

दुकानें रखी बंद
राजस्थान के उदयपुर जिले के मावली कस्बे में प्रशासन और जनता आमने सामने आ गई। बागोलिया बांध को लेकर कस्बेवासियों का विरोध चल रहा है। इस दौरान कई दुकानें पर ताला लगा हुआ है। मावली व्यापार मंडल के अध्यक्ष निर्मल कुमार लोढ़ा ने बताया कि मावली में गर्मी में क्षेत्र में पेयजल का संकट रहता है। इस दौरान पीएचईडी की तरफ से 8 दिन में सिर्फ एक बार पानी की सप्लाई की जाती है। उन्होंने बताया कि बागोलिया में करीब 16 साल बाद पानी आया है। गर्मियों में इस बांध के पानी की सप्लाई कर पेयजल की संकट को दूर किया जा सकता है। इस कारण कस्बे के लोग पानी छोडऩे का विरोध कर रहे है।

यह है पूरा मामला

प्रशासन बागोलिया बांध के पानी को सिंचाई के लिए नहर में छोडऩा चाहती है। कस्बेवासी इस फैसले से संतुष्ट नहीं है। बागोलिया बांध में करीब 16 साल बाद पानी भरा है। इस बांध की कुल क्षमता 22 फीट है और अभी इस में करीब 12 फीट पानी है। पानी ना छोडऩे का कारण यह है कि गर्मी के दिनों में कस्बेवासियों को पीने के पानी की दिक्कत होती है। जिसके चलते कस्बे की 80 फीसदी जनता नहीं चाहती की पानी नहर में छोड़ा जाए।