शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज महकमे के दो मंत्रालय ग्रामीण इलाकों में बंद पड़ी नल जल योजना को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने अपनी ही सरकार के दूसरे विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है. मंत्री बृजेंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत विकास विभाग को हैंडओवर करने बाद योजनाओं का ख्याल नहीं रखा जाता है. अब नल जल योजनाएं पंचायत विभाग को हैंडओवर नहीं की जाएगी.

पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि रखरखाव में लापरवाही के कारण नल जल योजना बंद हो जाती है. ग्रामीण इलाकों में नल जल योजना का रखरखाव पंचायत विभाग ठीक से नहीं करता है. उन्होंने कहा कि अब पीएचई विभाग ही नल जल योजनाओं के मेंटेनेस की जिम्मेदारी संभालेगा.

पंचायत विभाग का काम गैरजिम्मेदाराना

मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने ये भी कहा कि पीएचई विभाग की कई योजनाएं फेल होने का जिम्मेदार ग्रामीण पंचायत विभाग है. विभाग अपना ठीक से काम नहीं करता है. उन्होंने कहा कि पंचायत विभाग को योजनाओं का हैंडओवर देकर रिजल्ट हमेशा निराशाजनकर रहे हैं. ऐसे में अब पीएचई अब अपनी योजनाओं को ग्रामीण पंचायत विभाग को हैंडओवर नहीं करेगा.

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दम तोड़ रहीं नल जल योजना

दरसअल पीएचई विभाग ग्रामीण इलाको में नल जल योजना तैयार कर पंचायत विभाग के हैंडओवर कर देता है, लेकिन बजट होने के बावजूद पंचायत विभाग नलजल योजनाओ का मेंटेनेंस नहीं करता और नल जल योजनांए बंद पड़ी रहती है. ऐसी हजारों शिकायतें सरकार के पास आती हैं. जिनमे देखरेख के अभाव में नल जल योजना दम तोड़ रही हैं.

ग्रामीण इलाकों में नहीं पता किस विभाग की योजना

आपकोस बता दें कि गांव के लोगों को पता नहीं होता कि नल जल योजना किस विभाग की है. हकीकत ये है कि पीएचई योजना बनने के बाद पंचायत को हैंड ओवर कर देता है और पंचायत विभाग रखरखाव नहीं करता है. जबकि पंचायत विभाग के पास राशि होती है. मंत्री ने कहा कि अब पीएचई नल जल योजना पंचायत विभाग को हैंडओवर नहीं करेगा. स्व सहायता समूह और समितियों के जरिए नल जल योजनाओ का मेंटेनेंस किया जाएगा.

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ये है सरकार का लक्ष्य

केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर 35 से 40 हजार करोड़ रूपए की राशि खर्च कर 2023 -24 तक जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के 1 करोड़ 23 लाख परिवारों को नल के जरिए जल देने का लक्ष्य तय किया है.

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