रंजन दास, बीजापुर. बस्तर में आदिवासियों से सरकार की वादा खिलाफी और सिलगेर गोलीकांड की गूंज ऊपर तक पहुंचाने के मकसद से सीपीआई की सिलगेर से सुकमा तक प्रस्तावित पदयात्रा मंगलवार को शुरू हुई. पदयात्रा में शामिल होने सीपीआई की राष्टीय महासचिव एनी राजा भी सिलगेर पहुंचीं. पदयात्रा का नेतृत्व पूर्व विधायक व आदिवासी महासभा के संभागीय संयोजक मनीष कुंजाम कर रहे है. लगभग सौ से ज्यादा आदिवासियों को साथ लेकर सीपीआई की पदयात्रा सिलगेर से जगरगुंडा की ओर बढ़ी. हालांकि पदयात्रा को प्रशासन की तरफ से अनुमति नहीं दी गई, वहीं सुरक्षा देने से भी इंकार के बावजूद सीपीआई ने सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी जैसे नारे लगाते आगे बढ़ गए.

सिलगेर पहुंची सीपीआई की राष्टीय महासचिव एनी राजा का कहना है कि बस्तर में मनवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. आदिवासी फोर्स की ज्याददती और गोलीबारी का शिकार हो रहे हैं. आदिवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से पृथक कर दिया गया है. उन्हें लगता है कि राज्य और केंद्र के मानवाधिकार संगठन, कार्यकर्ताओं को यहां के हालात को स्वतः संज्ञान में लेना चाहिए. सरकार पर तंज कसते हुए एनी ने कहा कि इस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ढेरों वायदे किए थे, जितने भी गोलीकांड हुए, उनमें न्यायिक जांच रिपेार्ट के आधार पर पीड़ितों को न्याय की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हो पाई, यह दुर्भाग्यजनक है.

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पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे मनीष कुंजाम का कहना था कि उनका मकसद केवल सरकार को कड़ा संदेश देना है. आदिवासियों से पेसा कानून, आरक्षण, आदिवासी इलाकों में सुरक्षा बलों के कैम्प हटाने, रोजगार देने, ग्राम सभा की स्वायत्ता जैसे वायदे किए थे, जिन्हें भूला दिया गया, उन्हीं वायदों को दोबारा याद दिलाने वे पदयात्रा कर रहे हैं, हालांकि सरकार और प्रशासन अनुमति ना देकर अपनी पदयात्रा को लेकर अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर चुकी है. बावजूद उनका कारवां आगे बढ़ता रहेगा और सुकमा पहुंचकर ही पदयात्रा समाप्त होगी.