रायपुर। विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उपायुक्त/संयुक्त आयुक्त की पदोन्नति के लिए विभागीय समिति के गठन का मामला उठाया गया. बीजेपी विधायक देवजी भाई पटेल ने पूछा कि कमेटी का गठन नियम प्रक्रिया के तहत हुई थी या नहीं?.

मंत्री अजय चंद्राकर ने माना कि कमेटी गलत बनी थी. तत्कालीन एसीएस ने कमेटी का गठन किया था. उन्होंने कहा कि राजपत्र के हिसाब से कमेटी नहीं बनी थी और वो त्रुटिपूर्ण थी. ये जानकारी आने के बाद पीएससी को नई कमेटी के गठन के लिए पत्र लिखा गया है. कमेटी के गठन के बाद हुई दो बैठकों के निर्णय को अमान्य करते हुए ही पीएससी को नई कमेटी के गठन के लिए लिखा गया.

देवजीभाई पटेल ने पूछा कि 26 जुलाई 2017 और 26 अगस्त 2017 को दो बैठकें भी हो गईं, ऐसे डिक्टेटर एसीएस के खिलाफ क्या कार्रवाई किया जाएगा? उन्होंने कहा कि 26 जुलाई 2017 को हुई बैठक में डीपीसी कमेटी के अध्यक्ष ने कहा था कि एसीएस से निर्देशित किया गया था. देवजीभाई पटेल ने पूछा कि डीपीसी कमेटी के अध्यक्ष जो कि पीएससी के सदस्य भी हैं, उन पर कार्रवाई के लिए क्या राज्यपाल को आग्रह करेंगे?

इस पर मंत्री अजय चंद्राकर ने घोषणा करते हुए कहा कि मुख्य सचिव से मैं कहूंगा कि 15 दिनों के भीतर पीएससी से चर्चा कर पूरे मामले पर संबंधित कार्रवाई की जाए. पीएससी संवैधानिक संस्था है, वहीं मेरे निर्णय लेने की सीमा है.

वहीं शिवरतन शर्मा ने कहा कि पंचायत विभाग ने पूरी प्रक्रिया को गलत ढंग से किया. उन्होंने कहा कि पीएससी को भी देखा जाना चाहिए था कि डीपीसी कमेटी का गठन प्रक्रिया के तहत हुई है या नहीं, यानि जितनी गलती पंचायत विभाग की है, उतनी ही गलती पीएससी की भी है. उन्होंने कहा कि क्या पीएससी के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई किए जाने की घोषणा सदन में करेंगे?.

शिवरतन शर्मा ने कहा कि मंत्री जी कह रहे हैं कि मुख्य सचिव से इस मामले के निराकरण की बात कर रहे हैं, लेकिन इस मामले में मुख्य सचिव क्या करेंगे. इस विषय पर आपको शासन स्तर पर कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए क्या किया जाएगा?. उन्होंने कहा कि पीएससी शासन के पत्र को लगातार नजरअंदाज कर रहा है, क्या सदन की कमेटी से इसकी जांच कराएंगी?.

मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि 15 दिनों के भीतर यदि इस मामले का निराकरण नहीं होता, तो उसके बाद राज्यपाल के पास क्या राष्ट्रपति तक के पास जाने की नौबत आएगी, तो हम जाएंगे.

नाराज विपक्ष ने किया वॉकआउट

आदिवासियों के लिए आरक्षित पद ओर बैकलॉग के जरिए सामान्य वर्ग को लिया जा रहा है. अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासियों का हक मारा जा रहा है. मंत्री के जवाब से नाराज विपक्ष ने वॉकआउट किया.