Latest News: आए दिन स्पाइसजेट के विमानों में लगातार तकनीकी खराबी देखने को मिल रही है. ऐसे में DGCA ने बड़ा एक्शन लेते हुए 8 हफ्तों के लिए 50 प्रतिशत उड़ानों पर रोक लगा दी है. इन आठ हफ्तों तक एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा. वहीं अगर भविष्य में एयरलाइन 50 फीसदी से ज्यादा उड़ानें चाहती है तो उसे ये साबित करना होगा कि ये अतिरिक्त भार उठाने की क्षमता उसके पास है, पर्याप्त संसाधन और स्टॉफ मौजूद हैं.

बता दें कि, कुछ दिन पहले DGCA ने स्पाइसजेट को विमानों में आ रही लगातार तकनीकी खराबी को देखते हुए नोटिस भेजा था. हाल ही में सरकार ने भी राज्यसभा में जवाब देते हुए बताया कि DGCA ने स्पाइसजेट के विमानों की स्पॉट चेकिंग की थी. उस चेकिंग में कोई बड़ी खामी सामने नहीं आई. लेकिन रिपोर्ट में DGCA ने इतना जरूर कहा था कि वर्तमान में एयरलाइन अपने 10 एयरक्रॉफ्ट सिर्फ तभी इस्तेमाल करें जब तमाम तरह की तकनीकी खराबी ठीक हो जाए.

जानकारी के अनुसार, 18 दिनों के अंदर 8 बार स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी देखने को मिल गई थी. इसी वजह से DGCA को एयरलाइन को नोटिस भेजना पड़ गया था. उस नोटिस में कहा गया था कि घटनाओं की समीक्षा से पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव की वजह से सुरक्षा मार्जिन में गिरावट आई है.

कुछ पुरानी घटनाओं की बात करें तो पांच जुलाई को एक स्पाइसजेट विमान जो चीन जा रहा था, उसकी कोलकाता में लैंडिंग करवानी पड़ गई थी. कारण ये रहा कि विमान का वैदर रडार काम नहीं कर रहा था. इसी तरह 2 जुलाई को जबलपुर जा रहे स्पाइसजेट विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हुई क्योंकि उस फ्लाइट में 5000 फीट की ऊंचाई पर धुंआ देखा गया.

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