अमृतांशी जोशी, भोपाल। नर्मदा संरक्षण को लेकर ‘नर्मदा संगोष्ठी’ का आयोजन किया गया। बीएसएसएस कॉलेज सभागार में हुए संगोष्ठी में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) ने पर्यावरणविदों के साथ नर्मदा संरक्षण को लेकर मंथन किया। रामेश्वर नीखरा, मेधा पाटकर (Medha Patekar) समेत कई पर्यावरणविद और सोशल एक्टिविस्ट शामिल हुए। इस दौरान नर्मदा परिक्रमा में सहयात्री रहीं दिग्विजय सिंह की धर्म पत्नी अमृता राय भी मौजूद रहीं। 

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इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि रेत उत्खनन से नर्मदा का अस्तित्व संकट में है। प्राचीन नदियों में से एक नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। 

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से बेदर्दी के साथ नर्मदा में रेत उत्खनन हो रहा है। बड़े बड़े बांध बनाने से पर्यवरण को नुकसान हो रहा है। यहां तक कि नर्मदा जी का जो बहाव वह कम होने से समुद्र का पानी नदी में आ गया है, और 80 किलोमीटर अंदर तक समुद्र का पानी आने से नर्मदा में पानी खारा पानी आ गया है। जिसकी वजह से काफी लोगों को पीने के पानी का संकट पर है। ऐसे में अब समय आ गया है कि हमें नर्मदा के सरक्षंण को लेकर काम करना चाहिए, क्योकि नर्मदा हमारी जीवन रेखा है। 

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