पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद. देवभोग में रहने वाले बीलभद्र यादव चर्चा का विषय बने हुए हैं. वे कई साल से ब्लड बैंक खोलने की मांग लगातार कर रहे हैं. ब्लड बैंक की स्थापना के लिए कई बार पत्र लिखकर सरकार से मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक ब्लड बैंक की स्थापना नहीं की गई. बीलभद्र ने प्रण लिया है कि जब तक देवभोग में ब्लड बैंक नहीं खुल जाता, तब तक शादी नहीं करेंगे. 42 वर्ष के बीलभद्र अब तक 54 बार रक्तदान कर चुके हैं.

बता दें कि देवभोग समेत 40 किमी की दूरी में बसे किसी भी जरूरतमंद या मरीज को ब्लड की आवश्यकता होती है, तो बीलभद्र यादव को कॉल किया जाता है. जिसकी वजह से पूरा इलाका इन्हें रक्तदान वीर के नाम से जानता है. अब तक बीलभद्र 700 लोगों की मदद कर चुके हैं.

जानकारी के अनुसार पिछले 7 साल में रक्तदान करने वाले 100 युवक बीलभद्र से वाट्सएप के माध्यम से जुड़ चुके हैं. जरूरतमंद का कॉल आते ही एक से दो घंटे के भीतर ही खून का इंतजाम हो जाता है. इसके साथ ही विभिन्न ब्लड ग्रुप के सदस्य हैं, जो एक रोटेशन में बारी-बारी से जरूरत के ग्रुप के आधार पर ब्लड देने को तैयार हो जाते हैं.

ब्लड बैंक खुलने पर ही विवाह की भीष्म प्रतिज्ञा-

जागरूकता की कमी के चलते 10 साल पहले तक यंहा गिनती के लोग ही रक्तदान करते थे. 12 वीं तक पढ़े-लिखे इस शख्स ने देवभोग में ब्लड बैंक की स्थापना की मांग कर रहे हैं, ताकि रक्तदान करने वाले और ढूंढने वाले मरीज के परिजनों को मदद मिल सके. 30 की उम्र में बिलभद्र ने शपथ भी ले लिया कि जब तक देवभोग में ब्लड बैंक की स्थापना नहीं होगी, तब तक विवाह नही करूंगा.

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