बिलासपुर। शुक्रवार को हुई सुनवाई में बिलासपुर हाईकोर्ट ने अटल आवास मे की जा रही बेदखली की कार्रवाई पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है. दोनो पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इससे जहां एक तरफ अटल आवास में रहने वाले गरीब लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं कुम्हारी पालिका की मनमानी पर भी रोक लगी है.

गौरतलब है कि ग्राम रामपुर चोरहा में स्थित अटल आवास में रहने वाले 32 लोगों को कुम्हारी नगर पालिका के अमले ने घर से बेदखल कर दिया था. लोगों का आरोप है कि वो गरीब लोग हैं और उन्हें पालिका ने ही आवास आबंटित किया था. दुर्भावनावश उनका आबंटन निरस्त करने के लिये नोटिस दी जा रही थी, जिसका उन्होंने जवाब भी पालिका में जमा कराया था. इसके बावजूद उनका आबंटन निरस्त कर दिया गया.

साथ ही कुछ अन्य लोग आबंटित मकानों को खरीदकर या किराए में लेकर पिछले 10-15 साल से वहां निवास कर रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि उन्होंने हर बार पालिका में लिखित जवाब प्रस्तुत किया है. उनके पास इसकी पावती भी है. लोगों का आरोप था कि कब्जा खाली करने की नोटिस दिए बिना ही अचानक पालिका वाले दल बल सहित मकान खाली कराने पहुंच गए. इसके बाद जबरदस्ती उनका सामान सड़कों पर फेंका जाने लगा.

लोगों का कहना है कि उनके पास सर छुपाने के लिए और कोई जगह नहीं है. भारी ठंड पड़ रही है ऐसे में छोटे छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएंगे. सभी पीड़ित परिवारों ने कुम्हारी पालिका द्वारा की गई इस अवैध और अमानवीय कार्यवाही के खिलाफ भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष एवं पार्षद निश्चय वाजपेयी के नेतृत्व में राजधानी रायपुर में एक बड़ी रैली निकाली थी.

साथ ही हाईकोर्ट में केस भी लगाया था. जहां से उन्हें बड़ी राहत के रूप में स्टे आर्डर मिला है. कानून के जानकारों का कहना है कि किसी भी कब्जे को बलपूर्वक हटाने से पूर्व कब्जा हटाने की नोटिस और सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य है. ऐसे में बिना नोटिस दिये उनको अचानक बेदखल करना पूरी तरह से अवैधानिक है.

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