ड्रग्स के धंधे का बेताज बादशाह वीरेंद्र सिंह बैसोया उर्फ वीरू ने अपने बेटे ऋषभ को भी इसी धंधे में उतार लिया है। लेकिन अब ऋषभ जांच एजेंसियों के शिकंजे में कसता दिखाई दे रहा है। दरअसल, हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 13000 करोड़ रुपये की कोकीन जब्त की थी। ये खेप साउथ अमेरिका से दिल्ली पहुंची थी, इस मामले में ड्रग तस्कर वीरेंद्र बैसोया के बेटे ऋषभ का नाम सामने आया था। ऋषभ मिडिल ईस्ट फरार हो गया था, जिसके बाद अब उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। यानी अब दुनियाभर में ऋषभ की तलाश शुरू हो गई है।

बता दें कि रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल जारी करती है। जिसका मकसद दुनिया भर की जांच एजेंसियों को प्रत्यर्पण तक किसी व्यक्ति का पता लगाने और उसे हिरासत में लेने का अनुरोध करना होता है। यह नोटिस हत्या, चोरी और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराधों के लिए जारी किया जाता है। रेड कॉर्नर नोटिस से यात्रा पर प्रतिबंध लग सकता है। संपत्ति जब्त की जा सकती है। प्रत्यर्पण में मदद मिलती है। रेड कॉर्नर नोटिस के अलावा भी ऋषभ को चारों तरफ से शिकंजे में लेने की तैयारी है। उसके खिलाफ स्पेशल सेल ने उसकी गैरमौजूदगी में ही मुकदमा चलाने की अपील भी की है। कोर्ट पहले ही ऋषभ को भगोड़ा घोषित कर चुकी है।

ड्रग्स छिपाने में करता था मदद

जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारी के मुताबिक अगर आरोपी को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है और वह मुकदमे से बचने के लिए फरार है तो आरोप तय होने के बाद उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए 90 दिनों तक रुकने की शर्त होती है। दरअसल, ऋषभ, वीरेंद्र सिंह बैसोया उर्फ वीरू का बेटा है, जो एक इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल का सरगना है। पुलिस ने बताया कि वह प्रतिबंधित ड्रग्स को लाने ले जाने और छिपाने में मदद करता था, जिससे कार्टेल को काफी मदद मिलती थी। ऋषभ की भूमिका तब सामने आई जब पुलिस को पता चला कि 1 अक्टूबर, 2024 को उसने सह-आरोपी जतिंदर सिंह गिल उर्फ जस्सी को ड्रग्स की तस्करी के लिए एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी उपलब्ध कराई।

रेव पार्टी में की जानी थी सप्लाई

अदालत में पेश दस्तावेज के मुताबिक पंजाब के अजनाला के नेपाल गांव में जब एसयूवी को जांच के लिए रोका गया तो उसमें से लगभग 1 किलो कोकीन/मेफेड्रोन बरामद हुई। ऋषभ और जतिंदर हुडको प्लेस और दिल्ली के पंचशील एन्क्लेव इलाके के एक होटल में सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए, जिससे ऋषभ के एक्टिवली शामिल होने की पुष्टि हुई। स्पेशल सेल की जांच से पता चला है कि दक्षिण अमेरिका से लाई गई कोकीन को देश भर में बड़े पैमाने पर सप्लाई करने के लिए कई दवा कंपनियों और फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था। इस ड्रग्स को दिल्ली, पंजाब, मुंबई, हैदराबाद और गोवा में म्यूजिक फेस्टिवल और रेव पार्टियों में बेचा जाना था। पुलिस ने बताया कि ड्रग्स को केमिकल के रूप में छिपाकर शर्ट और नमकीन के मिश्रण वाले कार्डबोर्ड बॉक्स में पैक किया जाता था। जांच से यह भी पता चला कि यह गिरोह पाकिस्तान और दुबई से चलाया जा रहा था और इसके सदस्य थाईलैंड, मलेशिया और यूनाइटेड किंगडम में फैले हुए थे।

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