वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। जिले के ग्राम पंचायत मोहली में बेलगहना पुलिस की सार्थक पहल से 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार किया गया. सामाजिक कुरीतियों से पीड़ित महिला के शव को कंधा देने न तो ग्रामीण, न ही जनप्रतिनिधि और न ही समाजसेवी आगे आए. इकलौते बेटे की सूचना पर मानवता का परिचय देते हुए पुलिस ने रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया. इसे भी पढ़ें : पावर सेंटर : प्राइवेट सेक्रेटरी टू शाह… छोटी पारी… कांप्रोमाइज्ड नेता… एआईसीसी का नोटिस… सेटलमेंट…- आशीष तिवारी

मामला बेलगहना चौकी क्षेत्र के ग्राम मोहली का है, जहां रहने वाली 90 साल की बुजुर्ग महिला अमृत बाई की 9 फरवरी को बीमारी की वजह से मौत हो गई. मृतिका के साथ उसका इकलौता 55 साल का बेटा रहता था. 50 साल पहले पति से अलग होकर अपने बेटे के साथ रह रही महिला का समाज के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. गुरुवार को महिला की मौत के बाद भी उसका सामाजिक बहिष्कार खत्म नहीं हुआ.

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शव को कंधा देकर अंतिम संस्कार करने परिजन, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों में से कोई भी आगे नहीं आया. ऐसे में शव 24 घण्टे तक अंतिम संस्कर के लिए पड़ा रहा. समाज के लोगों से मिन्नतें करते-करते थकने के बाद 55 साल का बेटा बेलगहना चौकी पहुंचकर पुलिस को अपनी व्यथा सुनाई. इस पर चौकी प्रभारी हेमंत सिंह ठाकुर, प्रधान आरक्षक राजेश्वर साय, आरक्षक सत्येंद्र सिंह और ईश्वर नेताम ने ग्राम मोहली पहुंचकर पूरे रीति-रिवाज के साथ कंधा देकर बुजुर्ग महिला के शव का अंतिम संस्कार किया.

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इस मामले में खास बात ये रही कि एक ओर समाज के लोग बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहे थे, वहीं धार्मिक बंधन को तोड़कर मजीद खान ने मानवता का परिचय देते हुए सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की, और दफन करने के लिए गड्ढा की खुदाई की, जिसके बाद नियमानुसार अंतिम संस्कार हुआ.

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