रायपुर. भिलाई के सेक्टर-1 में रहने वाले महेंद्र कुमार वाघेला करीब दो महीने पहले ही भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) से रिटायर्ड हुए. रिटायरमेंट के बाद उनके खाते में पूरी जिंदगी की गाढ़ी कमाई के पैसे आए. लेकिन एक झंटके में उनके खाते से 8 बार 9999 रुपए के ट्राजेक्शन होने से वे ठगी का शिकार हो गए.

परेशान रिटायर्ड कर्मी दुर्ग के साइबर सेल मदद मांगने पहुंचे. वहां उन्होंने अपनी पीड़ा बताई. बिना देरी किए दुर्ग एसपी प्रशांत ठाकुर के नेतृत्व में काम कर रहे दुर्ग साइबर सेल प्रभारी गौरव तिवारी ने उनकी मदद की और साइबर सेल के स्टॉफ को ट्रांजेक्शन हुए पेमेंट को रुकवाने के लिए ऑफिशियली कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
दुर्ग साइबर सेल से ही जिस वॉलेट में पैसे जमा हुए थे उसके नोडल अफसर को वाट्सअप, टेलीग्राम और ई-मेल के माध्यम से संपर्क किया गया और प्रार्थी के बैंक खाते से कटे पैसे को अनाधिकृत ट्रांजेक्शन बताया गया.

महज 4 दिनों के अंदर दुर्ग साइबर सेल की मेहनत रंग लाई और सोमवार रात को खाते से निकले पैसे पुनः जमा हुए. लेकिन प्रार्थी को यह यकीन नहीं हुआ कि उसके पैसे खाते में लौट आए है. प्रार्थी ने पैसे जमा होने का मैसेज पुनः अपने परिजनों को भेजा. जिसके बाद सभी ने उन्हें ये कहा कि एक बार पैसे बैंक से कट जाए तो कभी जमा ही नहीं होते.
संभवतः वह मैसेज फेक हो. लेकिन अगले ही दिन यानी 4 अगस्त (आज) प्रार्थी बैंक पहुंचा और खाते की जांच की तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था, क्योंकि उसके खाते से निकले पैसे पुनः बैंक में जमा हो गए थे.

दुर्ग साइबर सेल के इंस्पेक्टर गौरव तिवारी ने ऐसी किसी भी ठगी का शिकार होने वाले लोगों से अपील की है कि वे जैसे ही किसी ठगी का शिकार हो, बिना देरी किए अपने जिले के साइबर सेल जाकर शिकायत दर्ज कराएं.
जिससे पुलिस जल्द कार्रवाई पूरी कर सके. उन्होंने कहा कि पेमेंट यदि प्रार्थी के बैंक खाते से अनाधिकृत तरीके से निकलने के बाद आरोपी के वॉलेट में जमा पूरी तरीके से नहीं होता है तो इस बात की उम्मीद रहती है कि पैसे वापस आ जाएं.