@ तारण प्रकाश सिन्हा. लोकतांत्रिक एवं लोक कल्याणकारी शासन की नीतियों एवं योजनाओं की सफलता आम नागरिकों के प्रत्यक्ष या परोक्ष भागीदारी पर ही निर्भर करती है। जनता की व्यापक सहभागिता, मांग पर आधारित नीतियां ही शासन की सफलता तय करती है। इस क्रम में भारत सरकार द्वारा विगत 14 अप्रैल से डाॅ.भीमराव अम्बेडकर जयंती से 5 मई तक ग्राम स्वराज अभियान सबका साथ, सबका गांव, सबका विकास कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देना, गरीब ग्रामीण घरों तक पहुंच बनाना तथा वर्तमान में चल रहे कार्यक्रमों पर फीडबैक लेना, नई पहलों का अपनाना, किसानों की आय को दोगुना करने पर ध्यान केन्द्रित करना, आजीविका के मौकों में वृद्धि और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं जैसे कि स्वच्छता पर पुनः जोर देना और पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करना है।

इस अभियान के दौरान दिनांक 14 अप्रैल से 5 मई के मध्य विभिन्न दिवसों पर अलग-अलग विभागों से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जाना है, जिसमें 14 अप्रैल को डाॅ.अम्बेडकर जयंती के दिन सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया. अब 18 अप्रैल को स्वच्छ भारत पर्व, 20 अप्रैल को उज्ज्वला पंचायत जिसमें नए गैस कनेक्शन वितरित किया जाना, 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 28 अप्रैल को ग्राम शक्ति दिवस, 30 अप्रैल को आयुष्मान भारत अभियान, 02 मई को किसान कल्याण कार्यशाला एवं 5 मई  को आजीविका एवं कौशल विकास मेला आयोजित किया जाना है। इन सभी दिवसों में संबंधित विभागों द्वारा न केवल अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जावेगा, अपितु साथ ही हितग्राहियों को लाभान्वित भी किया जायेगा। संपूर्ण राष्ट्र के साथ छत्तीसगढ़ की समस्त 10976 ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वराज अभियान का आयोजन किया जावेगा।

ग्राम स्वराज अभियान के दौरान प्रधानमंत्री के निर्देश पर गरीबों की अधिक संख्या वाले छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में स्थित 346 गांवों को 07 महत्वाकांक्षी योजनाओं के अंतर्गत समस्त हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने का भी कार्य किया जायेगा। इन महत्वाकांक्षी योजनाओं में संबंधित गांवों के समस्त पात्र हितग्राहियों को आच्छादित किया जायेगा। जिन 07 कार्यक्रमों का संपूर्ण आच्छादन इस अवधि में किया जाना है, उनमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, सौभाग्य (प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना) उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं मिशन इन्द्रधनुष सम्मिलित है। इन योजनाओं के आच्छादन की निगरानी के लिए भारत सरकार द्वारा भी नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू ग्राम स्तर पर क्रियान्वित किए जाने वाली विभिन्न गतिविधियों तथा ग्राम स्तर पर विकास एवं कल्याण के लिए उपलब्ध धनराशि को सार्वजनिक करना अर्थात सामाजिक प्रकटीकरण भी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए इस अभियान का महत्व इस दृष्टि से बढ़ जाता है कि अभियान के प्रथम दिन डाॅ.अबंडेकर जयंती दिवस 14 अप्रैल को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीजापुर से आयुष्मान भारत योजना का आरंभ छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य बीजापुर जिला से किये. इस अभियान में समाज के सभी वर्गों, समुदायों की अधिकाधिक भागीदारी के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यापक तैयारियां की गई थी। 14 अप्रैल से पूरे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों में ग्राम संभाएं आयोजित की जा रही है। इन ग्राम सभाओं में ग्राम स्वराज अभियान के विभिन्न आयामों से आम जनता को अवगत कराया जावेगा। इसके साथ प्रभातफेरी, चित्रकला, निबंध लेखन आदि के साथ-साथ दीवार लेख, श्रव्य-दृश्य माध्यमों, कला-पथक दल आदि माध्यमों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, कार्यशाला, वीडियों कांफ्रेसिंग आदि से इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

अभियान की निगरानी एवं समन्वय के लिए जिलों में व्यापक तैयारियां की गई है, जिसमें जिला, जनपद एवं ग्राम स्तरों पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति, समन्वय समिति का गठन आदि सम्मिलित हैं। संपूर्ण अभियान की वेब आधारित निगरानी प्रणाली भी स्थापित की गई है। अभियान के दौरान शिविरों का आयोजन तथा हितग्राहियों को इन शिविरों में तत्काल लाभान्वित किया जावेगा। ग्राम स्वराज अभियान से आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मोबाईल एप जीएसस 18 भी बनाया गया है, ताकि अधिकाधिक लोग इस अभियान से सीधे जुड़कर अपना फीडबैक भी दे सकें। यह अभियान जनप्रतिनिधियों के सहयोग एवं व्यापक लोक भागीदारी, लोक संवाद और जनसूचना के माध्यम से गरीब और वंचित परिवारों के जीवन में समृद्धि और खुशी लाने के एक अभिनव प्रयास है।

(यह लेखक के निजी विचार हैं)