कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में बिजली और पेयजल संकट गहराता जा रहा है. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा है. उन्होंने बिजली संकट पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. 2 दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर बिजली संकट पर चर्चा करने का कहा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता और विपक्ष की चर्चा से बिजली संकट का समाधान होगा.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पत्र लिखकर कोयले की कमी से 3 थर्मल पावर बंद होने की शंका जताई. बिजली संकट के लिए कंपनी के कुप्रबंधन को जिम्मेदार बताया है. सरकार पर बिजली कंपनी को बिना उत्पादन के 900 करोड़ रुपए भुगतान करने का आरोप लगाया है. बिजली के दर में वृद्धि की जा रही है और उपभोक्ताओं से जबरन वसूली की जा रही है.

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प्रदेश में मांग के अनुपात में पर्याप्त बिजली की उपलब्धता नहीं है. वही प्रदेश सरकार ने विद्युत उत्पादन कंपनियों को विगत वर्ष बगैर एक भी यूनिट बिजली लिये 900 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया है. एक ओर कोयले की कमी के चलते राज्य सरकार विदेशी कोयला खरीदने की तैयारी में है. जिससे राज्य सरकार का यह दावा खोखला साबित हो रहा है कि प्रदेश में कोयले की कोई कमी नहीं है. राज्य सरकार की विदेशी कोयला खरीदने की तैयारी पर शंका कुशंकाएं उत्पन्न हो रही है.

समूचे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है, जबकि बिजली की दरों में लगातार वृद्धि की जा रही है. विद्युत उपभोक्ताओं से मनमाने बिजली बिल वसूले जा रहे हैं. विद्युत की लगातार अघोषित कटौती के चलते विशेषकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे है. किसानों की ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और सब्जियां सिंचाई के अभाव में नष्ट होने की कगार पर है. विद्युत समस्याओं को लेकर प्रदेश की आम जनता में हाहाकार मचा हुआ है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर विद्युत समस्या पर उत्पन्न स्थिति के संबंध में चर्चा कराया जाना अति आवश्यक है. ताकि विद्युत संकट का समाधान पक्ष-विपक्ष मिलकर निकाल सकें.

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बता दें कि मप्र में पेयजल आपूर्ति का संकट भी है. सरकार ने पूरे प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की रिपोर्ट तलब की है. मप्र में पेयजल आपूर्ति को लेकर बैठक होगी. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह बैठक लेंगे. सभी नगरीय निकायों से जलापूर्ति को लेकर जानकारी मांगी गई है. वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लेकर बैठक में चर्चा होगी. पानी को लेकर समूचे प्रदेश में बुरे हालात है. सरकार ने कल कलेक्टरों से कहा है कि आप के पास जो भी फंड मौजूद है, उसका इस्तेमाल कर संकट को दूर करे. 53 निकायों में एक दिन और 16 निकायों में दो दिन छोड़ पानी मिल रहा है.

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