शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोयला संकट पर बिजली अभियंता संघ ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. संघ का कहना है कि नियम के अनुसार 20 से 21 दिन का कोयला स्टॉक रहना चाहिए. इस नियम का क्यों नहीं पालन किया गया.

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बिजली अभियंता संघ ने कहा कि कोयला खदानों मे पानी भरना सिर्फ बहाना है, बारिश तो हर साल होती है.जून के पहले हमें कोयले का स्टॉक रखना था. चारों पावर प्लांट में 15 लाख मैट्रिक टन कोयला स्टॉक होना चाहिए था. लेकिन आज सिर्फ दो लाख मैट्रिक टन कोयला बचा हुआ है. बिरसिंहपुर 4 दिन, सिंगाजी 3, अमरकंटक 7, सारणी 3 दिन कोयला बचा है.

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बिजली अभियंता संघ ने बताया कि जनरेशन कंपनियों को कोल इंडिया को 13 सौ करोड़ पर देना है. यही बकाया नहीं देने के कारण कोल कंपनियों ने कोयला नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार से सब्सिडी का पैसा नहीं मिली, इसलिए कोल कंपनियों को बिजली कंपनियों ने पैसे नहीं दिया. ये पूरी समस्या क्रिएट की गई समस्या है. पूरी गलती शासन-प्रशासन और प्रबंधन की है.

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