यशवंत साहू, भिलाई-दुर्ग। अहिवारा में स्थित नागरिक कल्याण कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य की खुदकुशी के बाद भी संस्थान की व्यवस्था में सुधार नहीं दिख रहा है. कॉलेज की जिन अव्यवस्थाओं की वजह से प्राचार्य के खुदकुशी करने की आशंका जताई जा रही है, वह अव्यवस्था उनके जाने के बाद भी कायम नजर आ रहा है. शुक्रवार को क्लास के लिए पहुंचे छात्रों को घंटों इंतजार के बाद भी शिक्षक के नहीं आने से मायूस वापस लौटना पड़ा.

बता दें कि नागरिक कल्याण कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. भुवनेश्वर नायक ने गत दिवस कॉलेज परिसर में आत्महत्या कर ली थी. पुलिस को आशंका है कि कॉलेज की अव्यवस्थाओं से तंग आकर उन्होंने जान दी. लेकिन उनके जाने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है. शुक्रवार सुबह 7.30 बजे क्लास के लिए स्टूडेंट्स तो पहुंचे, लेकिन शिक्षक तो दूर एक चपरासी तक नहीं पहुंचा था. छात्रों को पढ़ाई के लिए शिक्षकों का घंटों इंतजार करना पड़ा.

छात्रों का आरोप है कि यह अव्यवस्था काफी समय से बनी हुई है. इसी को सुधारने के लिए प्रभारी प्राचार्य डॉ. भुवनेश्वर नायक लगातार लड़ाई लड़ते रहे, लेकिन स्टॉफ ने उनकी एक नहीं सुनी. छात्र-छात्राओं का कहना है कि अब भी यदि कॉलेज में समय पर क्लासेज शुरू नहीं शुरू हुईं तो वह लोग आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर होंगे.

शिक्षक के नहीं आने पर मायूस लौटे छात्र

नागरिक कल्याण कॉलेज के जनभागीदारी के अध्यक्ष अमन सिंह ने बताया कॉलेज में क्लास सुबह 7.30 बजे से शुरू होती है. सुबह 10.30 बजे तक कॉलेज का एक भी टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टॉफ नहीं पहुंचा था. सुबह पहले शिफ्ट में 40-50 बीकॉम के बच्चे आए थे. तीन घंटे इंतजार के बाद भी जब कोई नहीं आया तो वह लोग निराश होकर अपने घर चले गए.

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पद से इस्तीफा देने को सोच रहे थे डॉ. नायक

अमन ने बताया कि पहले भी इसी तरह से सिलसिला चलता था. एक भी स्टॉफ नायक सर का आदेश नहीं मानता था. अधिक दबाव डालने पर उनसे झगड़ा करने तक के लिए उतारू हो जाते थे. कॉलेज की अव्यवस्था को लेकर वह मानसिक रूप से काफी परेशान थे. उन्होंने अमन को कहा भी था कि कॉलेज में कोई भी उनका निर्देश नहीं मानता. अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं. वह यह सब नहीं झेल सकते हैं, और अपने पद से रिजाइन देने की सोच रहे हैं.

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