पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। सुपेबेड़ा के लिए तेल नदी का पानी रोकने के लिए बनाए गए एनीकट का एक्स्ट्रा वॉल पहली बारिश में धराशाई गया. विभाग ने स्टीमेट बदल कर दूसरे चरण में बनवाया था, जहां छड़ की लैपिंग के लिए कम जगह मिली थी, वहीं वॉल दबाव नहीं झेल पाया.

इस बरसात में पहली बार तेल नदी उफान पर था. नदी का बहाव पिछले पांच दिनों से एक ही गति में थी. मंगलवार की रात को सुपेबेड़ा घाट पर बना एनीकेट का ऊपरी हिस्सा का कुछ भाग पानी का दबाव झेल नहीं सका. 260 मीटर लंबी एनीकट में बीच का 25 मीटर का भाग मुख्य स्ट्रक्चर से टूट कर अलग हो गया है, जिसकी जानकारी मिलते ही आज विभागीय इंजीनियर मौके पर पहुंचकर टूटने की वजह की पड़ताल कर रहे थे.

जहां छड़ कम थे वही भाग टूटा

सेनमुड़ा घाट पर 260 मीटर लंबी एनीकेट के लिए 2 करोड़ 12 लाख की मंजूरी मिली थी, जिसके लिए बिलो परसेंटेज में काम लिया गया. 1 करोड़ 82 लाख में काम पूरा करने ठेका कम्पनी से अनुबंध हुआ है. नदी के बेड लेबल से न्यूनतम 5 मीटर अधिकतम 7 मीटर गहराई तक दीवाल खड़ी किया गया है. एनीकेट में जल भराव ज्यादा रहे इसलिए तय लेबल से ढाई फीट और अतिरिक्त वाल दूसरे चरण में बनवाया गया. नींव से ऊपर निकले रॉड की लंबाई कुछ जगह कम थी, अतरिक्त ढाई फीट वॉल के लिए जब सरिया जोड़ा जा रहा था, उस वक्त लैपिंग के लिए लंबाई कम हुए थे. इसी खामी को नजरअंदाज करना भारी पड़ गया. पानी के दबाव से अंजान विभाग ने इसे प्रयोग के तौर पर लेकर अतरिक्त वाल खड़ा कर दिया.

इंजीनियर पीआर साहू ने बताया कि ठेका कम्पनी को अब तक फाइनल बिल का भुगतान नहीं किया गया है. केवल 1 करोड़ 18 लाख का भुगतान हुआ है. कम्पनी का सुरक्षा धन 21 लाख भी जमा है,. बारिश के बाद वॉल को मजबूती से दोबारा बनाया जाएगा.

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सुपेबेड़ा वाटर सप्लाई स्कीम की नींव तक नहीं रखी

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के बनते ही ग्रामीणों की मांग पर तेल नदी में जल सयंत्र स्थापित कर सुपेबेड़ा समेत 11 गांव के लोगों को तेल नदी का पानी देने नल जल योजना के लिए 10 करोड़ की मंजूरी दी गई थी. इसके साथ ही नदी का पानी रोकने एनीकट के लिए भी राशि मंजूर की गई थी. एनीकट का काम पूरा होने को है, लेकिन नल जल योजना की अब तक नींव भी नहीं रखी जा सकी है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा घोषित योजना को संशोधित कर इस योजना के लिए अब जल जीवन मिशन के तहत रुपए आबंटित किए गए है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरु हो चुका है.

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