अजय शर्मा, भोपाल। राजधानी भोपाल में जेल मुख्यालय के सामने जेल पहाड़ी पर मंगलवार शाम चार बजे नगर निगम की 80 फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़े मां-बेटे समेत परिवार के चार लोगों को बुधवार की सुबह नीचे उतारा गया। वहीं पानी टंकी पर चढ़ने वाले परिवार के प्रति प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारी सख्त लहजे में परिवार को नसीहत दी है। वहीं जहांगीराबाद थाने में पीड़ित परिवार के बयान भी दर्ज करवाए गए है। आज भोपाल कलेक्टर के समक्ष बेरसिया एसडीएम डायरी पेश करेंगे।    

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बता दे कि पीड़ित परिवार को कल से नीचे उतारने के लिए मनाने की कोशिश जारी थी। लेकिन वे उतरने के लिए तैयार ही नहीं हुए। जिसके बाद रातभर एसडीएम और पुलिस अधिकारी पानी की टंकी के नीचे बैठे रहे। वहीं सुबह 6 बजे परिवार को किसी तरह नीचे उतारा गया। बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार ने गांव में जमीन का दोबारा से सीमांकन शुरू होने के फोटो जब वाट्सएप पर देख लिए, तब जाकर टंकी से नीचे उतरने के लिए तैयार हुए।

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बता दें कि भुजपुरा कलां, नजीराबाद निवासी श्याम बाई पति दौलतराम और उनका परिवार मंगलवार शाम 4 से 5 बजे के बीच पानी की टंकी पर चढ़ गए। श्यामबाई का आरोप है कि उनके स्वामित्व की जमीन पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर रखा है। जबकि यह पट्टा उनके पति दौलतराम के नाम पर है। गांव के रहने वाले मोतीलाल गौर, राधेश्याम गौर, पूर्व सरपंच गया प्रसाद, कल्लू गौर, प्रकाश गौर, बाबूलाल गौर, देवा गौर समेत अन्य उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। जमीन वापस दिलाने की मांग को लेकर वे अड़े रहे और नीचे कूदने की धमकी दे रहे थे। बाद में उनको समझाने के लिए बैरसिया एसडीएम और जिला एसडीम भी आ गए थे,इस दौरान इन अधिकारियों ने भी उनको समझाने की काफी कोशिश की,लेकिन मानने को तैयार नहीं थे। सुबह जब एसडीएम के उनके गांव में जमीन का दोबारा से सीमांकन का काम शुरू कराकर उसके फोटो पीड़ित के मोबाइल पर वाट्सएप पर भेजे तब जाकर यह  परिवार नीचे उतरने को तैयार हुआ।

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