खंडवा। जिले में इस बार प्याज की पैदावार काफी अच्छी हुई है, लेकिन इस बार किसानों को प्याज रुला रहा है. कारण प्याज के दाम सही नहीं होने की वजह से किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है. किसान प्याज के दाम को लेकर परेशान हैं.

प्याज की खेती के लिए निमाड़ में खंडवा जिला अपनी विशेष पहचान रखता है, लेकिन इस बार यहां के किसान बेहद निराश हैं. आमतौर पर उपभोक्ताओं के आंसू निकालने वाला प्याज इस साल किसानों को रुला रहा है. प्याज के दाम किसानों की उत्पादन लागत से भी कम है.

ट्रैक्टर का भाड़ा अपनी जेब से दे रहे किसान

किसानों का कहना है कि प्याज उगाने वाले की कमाई तो दूर की बात है, लागत तक नहीं निकल पा रही है. खेत से मंडी तक प्याज लेकर आ रहे किसानों को ट्रैक्टर का भाड़ा भी जेब से देना पड़ रहा है. खंडवा मंडी में थोक में प्याज 3 से 5 रुपये तो चिल्हर में 8 रुपये किलो बिक रहा है.

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समर्थन मूल्य तय करे सरकार- किसान

किसानों का कहना है कि प्याज के बीज से लेकर दवाईयां तक सब चीजें महंगी हैं, जिसमें उन्हें 12 से 14 रुपये प्रति किलो की लागत आती है. अब प्याज 5 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है, जिससे लागत भी नहीं मिल रही है. किसानों का कहना है कि सरकार को प्याज का समर्थन मूल्य तय करना चाहिए. नहीं तो किसान प्याज उगाना छोड़ देगा.

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