हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर पुलिस का अमेरिका में डंका बजा है। ऑनलाइन ठगी के इंटरनेशनल गैंग का खुलासा करने पर अमेरिका में भी इंदौर पुलिस की तारीफ हो रही है। इंटरनेशनल गैंग के आरोपियों को पकड़ने के लिए धन्यवाद देने फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ( FBI) की टीम यूएसए से इंदौर पहुंची। एफबीआई के लीगल हेड ने इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र के साथ करीब एक घंटे तक चर्चा की। इस दौरान ऑनलाइन ठगी के इन्वेस्टिगेशन को लेकर चर्चा हुई।
बता दें कि इंदौर पुलिस को कुछ महीने पहले अनलॉइन ठगी मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी थी। आरोपियों से पूछताछ पर करोड़ों रुपए की अमेरिकन नागरिक से ठगी के मामले का खुलासा हुआ था। इंदौर पुलिस ने अमेरिकन पुलिस एफबीआई से संपर्क कर कई नागरिकों के पैसे वापस दिलाए और ऑनलाइन फ्रॉड ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई की थी।
पूरे मामले को लेकर इंदौर पुलिस और एफबीआई के बीच लगातार संपर्क में था। शुक्रवार को इंदौर पुलिस के बेहतर कार्यों को लेकर एफबीआई के लीगल अधिकारी इंदौर पहुंचे। पुलिस कमिश्नर के साथ करीब 1 घंटा तक एफबीआई के लीगल हेड ने चर्चा की। एफबीआई के लीगल हेड ने कार्रवाई के लिए इंदौर पुलिस की तारीफ करते हुए धन्यवाद दिया।
ये है पूरा मामला
14 अगस्त को लसूड़िया इलाके में नाइट कॉल सेंटर पकड़ाया था। कॉल सेंटर अहमदाबाद निवासी वत्सल मेहता और करण भट्ट चला रहे थे। यहां काम करने वाले 20 अन्य युवक-युवतियों को पकड़ा गया था। ये लोग अमरीका के लोगों को फोन कर एसेंट अंग्रेजी में बात कर झांसे में लेते थे। यहां से विशेष साफ्टवेयर के जरिये फोन करते थे, जिससे अमरीकियों को स्थानीय नंबर से फोन आता था। ये लोग अमरीकियों को सोशल सिक्योरिटी कार्ड नंबर बंद होने की सूचना देते और फिर उन्हें अपनी बातों में फंसाकर कार्ड चालू करने की बात कहकर मोटी फीस वसूल कर लेते थे। आरोपी बिट क्वाइन अथवा हवाला के जरिये रुपया गुजरात में हासिल कर लेते थे। इन्होंने कुछ ही महीने में अमरीका के लोगों से करीब 2 करोड़ की ठगी की थी। अमरीका के लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी को जांच एजेंसी एफबीआई ने गंभीरता से लिया था।
100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने दूतावास में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी
बता दें कि डेढ़ साल पहले इंदौर की विजय नगर और लसूड़िया पुलिस ने इंटरनेशनल कॉल के जरिये धोखाधड़ी करने वाले करीब 23 लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपी इंदौर में कॉल सेंटर के जरिये खुद को अमेरिकी सिक्योरिटी कार्ड विभाग का अफसर बताते थे और ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, एंटी नेशनल एक्टिविटी केस हाथ में होने के नाम पर लोगों से रुपये वसूल लेते थे। 100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने दूतावास में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए करीब डेढ़ साल पहले करीब 23 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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