लखनऊ. रामचरित मानस पर विवादित बयान को लेकर चर्चा में आए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर राजधानी लखनऊ में FIR दर्ज कराई गई है. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर विवाद बयान दिया था. इसी मामले में हजरतगंज कोतवाली में यह FIR दर्ज कराई गई है. वहीं उनके इस बयान से सपा ने खुद को अलग कर लिया है.

दरअसल, समाजवादी पार्टी नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि तुलसी दास रचित रामायण को प्रतिबंधित करना चाहिए. उनके इस विवाद पर सियासत का बाजार गर्म हो गया है. इसी पर सपा नेता पर हजरतगंज कोतवाली में ऐशबाग के शिवेंद्र मिश्रा ने FIR दर्ज कराई है.

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि जिस दकियानूसी साहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए. अगर सरकार तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन श्लोको को रामायण से निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिसमें यह सब बातें लिखी हैं 90% आबादी वाली जनसंख्या के बारे में गलत बातें लिखी गई हैं. 50 फीसद आबादी वाली महिलाओं को लेकर भी तुलसीदास रचित रामायण में आपत्तिजनक बातें लिखी गई.

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स्वामी प्रसाद ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश हैं, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.

स्वामी प्रसाद ने ये भी कहा था कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है. उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या ज्ञानी हो. उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर, धर्म यही है, तो मैं ऐसे धर्म को नमस्कार करता हूं. जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो.

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