रायपुर. छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने राजधानी रायपुर में खालिस्तान समर्थकों की निकली रैली की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सिख समाज को ऐसे असामाजिक तत्वों का बहिष्कार करना चाहिए, जिन्हें देश और तिरंगे से प्यार नहीं है और जो देश विरोधी कृत्यों में शामिल है.

बाबरा ने कहा कि खालिस्तानी एजेंडे को जड़ से खत्म करने की जरूरत है. मुटठीभर लोग उस सिख कौम को बदनाम कर रहे हैं, जो बहादुरी और देशभक्ति के लिए जानी जाती है. जिसके नाम पर देश की सेना में सिख रेजीमेंट है. खालिस्तान आंदोलन गुरू गुविंद सिंह की उस भावना का अपमान कर रहा है, जिन्होंने मुगलों से लड़ने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से पंच प्यारे तैयार किए, ताकि देश और धर्म की रक्षा की जा सके. खालिस्तान मूवमेंट इनकी शहादत का अपमान है.

बाबरा ने आगे कहा कि जो लोग खालिस्तान की मांग कर रहे हैं, उन्हें इसकी शुरूआत पाकिस्तान से करनी चाहिए, जहां पंजाब का 75 प्रतिशत हिस्सा चला गया. पाकिस्तान में सिखों पर जुल्म होता है तो ये खालिस्तानी उन्हें क्यों नहीं बचाते? उन्होंने खालिस्तानी समर्थकों को हिदायत दी कि आगे कभी उन्होंने तिरंगे का अपमान करने की कोशिश की तो उसका अंजाम ठीक नहीं होगा. हम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने आश्चर्य जताया कि खालिस्तान आंदोलन से पंजाब दो तीन महीने से अशांत है और पंजाब सरकार, केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी है.

बाबरा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ शांतिप्रिय प्रदेश है. यहां के लोगों ने सिख समाज को हमेशा प्यार और सम्मान दिया. सिख समाज से कई विधायक चुने गए हैं. छत्तीसगढ़ हमें पंजाब जैसा ही लगता है, लेकिन आज चंद मुटठीभर लोग खालिस्तान का समर्थन करते हुए रैली निकाले हैं, जो दुःखद और शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी में हुए प्रदर्शन की कठोर निंदा की है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.

बाबरा ने पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि खालिस्तान के समर्थन में जिन लोगों ने रैली निकाली है, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए अन्यथा इनके हौसले बढ़ते चले जाएंगे. बाबरा ने सिख समाज से भी आव्हान किया कि वह ऐसे तत्वों का बहिष्कार करें, ताकि छत्तीसगढ़ में भाईचारा, कानून व्यवस्था व अमन शांति बनी रहे.