रायपुर। कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये लगाए गए लॉकडाउन के दौरान खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही. इस दौरान 57 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को 03 माह अप्रैल, मई एवं जून 2020 का चावल निःशुल्क वितरण किया गया. यह बात खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने मंत्री के रूप में अपने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर अपने कामकाज की जानकारी देते हुए कही.

मंत्री भगत ने बताया कि 29 जून 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में 13वें मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण, संस्कृति, योजना व सांख्यिकी विभाग मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था. इस एक वर्ष में उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार के अनेक निर्णयों को क्रियान्वित करने में सक्रिय योगदान दिया. उनका संकल्प है कि छत्तीसगढ़ में कोई भूखा न सोए, जिसे पूरा करने के लिये उन्होंने लगातार कार्य किया.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्राथमिकता वाले राशनकार्डों पर खाद्यान्न की पात्रता में वृद्धि की गई है. एक सदस्य वाले परिवार को 10 किलो, 2 सदस्य वाले परिवार को 20 किलो, 3 से 5 सदस्य वाले परिवार हेतु 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए प्रत्येक अतिरिक्त सदस्य के लिए 7 किलो अतिरिक्त चावल का वितरण किया जा रहा है. बस्तर संभाग के जिलों में सुपोषण हेतु पीडीएस के माध्यम से उन्हें 17 रुपए प्रति किलो उपभोक्ता दर पर 02 किलो गुणवत्तापूर्ण गुड़ वितरण किया जा रहा है। इससे बस्तर संभाग के 6.04 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को लाभ हो रहा है.

खाद्य मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने अप्रैल 2019 से अनुदान प्राप्त एवं निजी आश्रम-छात्रावास एवं कल्याणकारी संस्थाओं हेतु खाद्यान्न का आबंटन बंद कर दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने ऐसी 471 संस्थाओं में पंजीकृत 43,640 हितग्राहियों को राज्य शासन द्वारा स्वयं के व्यय से चावल आबंटित किया. पूर्व में राज्य के ऐसे 12.90 लाख राशनकार्डधारी परिवार जिनके पास एलपीजी कनेक्शन है, उनकी केरोसिन पात्रता समाप्त कर दी गई थी. जिसे लोगों की जरूरत को देखते हुए अगस्त 2019 से पुनः प्रारंभ कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों का धान समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का निर्णय के अनुरूप किसानों को उनकी उपज का सही मूल्न्य दिलाने के लिए पहले केन्द्र सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई. इसके बाद समर्थन मूल्य से अंतर की राशि प्रदान करने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुंभारंभ किया गया. खरीफ वर्ष में धान खरीदी का अभूतपुर्व रिकॉर्ड बनाया गया. खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 18.38 लाख किसानों से लगभग 84 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जिसमें में से 60.84 लाख टन का उठाव हो चुका है. भारत सरकार ने राज्य सरकार की मांग पर केन्द्रीय पूल से चावल उपार्जन में 4 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि की है.

भगत ने संस्कृति विभाग के उपलब्धियों के बारे में बताया कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव देश का सबसे बड़ा आदिवासी सांस्कृतिक समागम का आयोजन 27 से 29 दिसम्बर 2019 तक रायपुर में किया गया. इसमें देश के 24 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के आदिवासियों की प्रतिभागिता रहीं. आयोजन में लगभग 2,000 कलाकारों द्वारा 125 से भी अधिक पारंपरिक जनजातीय नृत्यों का प्रदर्शन किया गया. इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली और राष्ट्रीय एकता और सदभावना की दिशा में जागृति उत्पन्न हुई.