धमतरी। कुरूद इलाके के उमरदा गांव के एक परिवार का हुक्का-पानी पिछले एक साल से बंद ​कर दिया गया है. जिसकी शिकायत कुछ दिन पूर्व पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से की. लेकिन शिकायत मिलने के बाद भी अब तक प्रशासन ने पीड़ित परिवार को राहत पहुंचाने के लिए कोई पहल नहीं की. जिसके बाद अब पीड़ित परिवार ने शासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है.

मामला कुरूद इलाके के ग्राम उमरदा का है. यहां समाज के दंबगो ने त्रिवेणी बाई कंवर और उसके परिवार का एक साल से हुक्का-पानी बंद कर रखा है. इस परिवार की गलती महज इतनी है कि वे गांव के निस्तारी तालाब से चोरी-छिपे मछली मार रहे थे. ये बात गाँव के लोगों को नागवार गुज़री. इसके बाद दबंगो ने पंचायत बुलाई और महिला के परिवार को  20 हजार रुपए का दंड चुकाने आदेश दे दिया.

लेकिन माली हालत ठीक न होने के कारण त्रिवेणी बाई दंड की राशि नहीं चुका सकी. इसके एवज में दबंगों ने महिला का हुक्का-पानी बंद कर दिया.

पीड़ित परिवार के सदस्य कीर्तन कंवर और रानी कंवर ने बताया कि गांव में उनसे कोई बात नही करता और न ही कोई उन्हें काम देता है. यदि गांव का कोई व्यक्ति उनसे बात करने की भी कोशिश करता है. तो दबंग उस पर भी जुर्माना लगा देते है. इन हालातों में परिवार का जीना दूभर हो गया है. हुक्का-पानी बंद होने की शिकायत पीड़ित परिवार ने प्रशासन से कई बार की है. लेकिन उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी. अब तंग आकर पीड़ित परिवार ने शासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है.

इच्छा मृत्यु का आवेदन मिलते ही प्रशासन होश में आाया. मामले की गंभीरता को भांपते हुए कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने एसडीएम को जल्द से जल्द मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई करने को कहा है.