पंकज तिवारी, रायपुर। आयुर्वेद में पान के औषधीय गुणों का खूब बखान है. भारत के सबसे ज्यादा पान उत्पादक प्रदेशों कहीं भी छत्तीसगढ़ का नाम शामिल नहीं था, लेकिन प्रदेश के किसानों का कमाल है कि एक-दो प्रकार की नहीं 12 किस्मों की खेती करते हैं. किसानों की इसी मेहनत का ही नतीजा है कि प्रदेश में अनुसंधान केंद्र खोलने के लिए करीब 7 करोड़ रुपए का प्रस्ताव इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार कर शासन को भेजा है.

प्रदेश में रतनपुर, छुईखदान, अंबिकापुर, राजनंादगांव, मैनपाट, गरियाबंद सहित बस्तर का कुछ क्षेत्र का मौसम इस फसल के अनुकूल है. पान की खेती की शुरुआत नवंबर माह में की जाती है.उन्नत कृषि का ही नतीजा है कि पान की फसल अब किसी भी तरह के क्षेत्र में छायादार नेट शेड में तैयार हो जाती है.

छुईखदान में बंपर पैदावार की संभावना

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले से ही छुईखदान पान की खेती में आगे रहा है. अब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नए जिले की घोषणा में छुईखदान में पान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बनाने की बात कही है. इसके बाद से प्रदेश में उत्पादन की संभावनाओं को और शिद्दत से तलाश की जा रही है.

आधुनिक शेड-नेट-हाउस है बेहतर

बात करें आधुनिक कृषि की तो बरेजा (पंडाल) की जगह आधुनिक ‘शेड-नेट हाउस’ के अन्दर पान की खेती किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमन्द साबित होता है. क्योंकि बरेजा के तुलना में ‘शेड-नेट हाउस’ ज़्यादा टिकाऊ होता है, ये पान के पत्तों को शीतलहर, लू और जल भराव की चपेट में आने से बचाता है.

7 बीमारियों का इलाज करता है पान

पान के पत्ते शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं. इसके साथ ही कई तरह की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने का काम भी करते हैं. एनसीबीआई के अनुसार, पान के औषधीय गुणों में जहरीले मुक्त कणों से लड़ने वाला-एंटीऑक्सीडेंट, डायबिटीज के लक्षणों को कम करने वाला-एंटीडायबिटिक, सूजन से लडऩे वाला-एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के साथ एंटी-कैंसर, एंटी-अल्सर जैसे गुण पाए जाते हैं.

डायबिटीज में पान के फायदे

-ओरल हेल्थ को बेहतर बनाता है पान
-अच्छे पाचन के लिए रोज करें पान का सेवन
-कैंसर से लड़ने में कारगार है पान का पत्ता
-गैस की समस्या से निजात दिलाता है पान
-वजन कम करने के लिए इस्तेमाल करें पान के पत्ते
-सिर दर्द में करें पान के पत्तों का सेवन

कैसे तैयार करें पान के पत्तों का पानी

एक्सपर्ट बताते हैं कि पान के पत्तों का पानी तैयार करने के लिए आप 2-3 पत्तों पानी में पिसकर मिला लें, और इसमें नींबू मिलाएं. इसके अलावा रात भर पानी में पान के पत्तों को भिगोकर इसमें नींबू मिलाकर रोज इसका सेवन किया जा सकता है. खाली पेट इसका सेवन बेहतर परिणाम दे सकता है.

पान की खेती के लिए 50 हजार की सहायता

केंद्र सरकार कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई ) रफ्तार योजना के तहत देश में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों 50 हजार रुपए का अनुदान प्रदान करती है. 2015 से शासनस्तर पर पान की खेती को प्रोत्साहन देने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत प्लांटेशन क्राप के तहत स्टेट हार्टिकल्चर डेवलपमेंट सोसाइटी की स्टेट लेवल एक्जीक्यूटिव कमेटी सहयोग कर रही है.

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