रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कोरोना संक्रमण से मृतकों को चार लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है. प्रदेश सरकार में अपने दम पर कोई भी काम करने की हिम्मत नहीं है.

चंद्राकर ने कहा कि अपने तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री बघेल अपने बूते कोई काम नहीं कर पाए हैं. प्रदेश की जनता को जो भी राहत मिली केंद्र सरकार के सहयोग से मिली. इसके बावजूद प्रदेश सरकार और कांग्रेस ने केंद्र सरकार को सिर्फ कोसने का ही काम किया.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि पूरे कोरोना काल में गरीबों-मजदूरों को मुफ्त राशन केंद्र सरकार ने दिया. अब इसकी मियाद चार माह के लिए फिर बढ़ा दी गई है. 2019-20 में 34 हजार करोड़ रुपए, 2020-21 में 38 हजार करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार ने दिए हैं.

चालू वर्ष 2021-22 के लिए प्रदेश को 44 हजार करोड़ मिलना अपेक्षित है. चंद्राकर ने कहा कि केंद्र सरकार तो प्रदेश को भरपूर राशि मुहैया करा रही है. प्रदेश सरकार केंद्र की योजना के लिए राज्यांश तक नहीं दे पा रही है. इसके कारण प्रदेश की जनता को केंद्र की योजनाओं के सीधे लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है. प्रदेश सरकार की बदनीयती का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है.

चंद्राकर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राज्यांश नहीं देने के कारण प्रदेश के गरीबों के लिए निर्धारित 7.81 लाख आवास का लक्ष्य केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा. गरीबों को आवास के लगभग 11 हजार करोड़ का रुपयों का प्रदेश सरकार की लापरवाही और बदनीयती से नुकसान हो गया. प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत तीन मेडिकल कॉलेजों का नहीं खुल पाना प्रदेश सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण है.

चंद्राकर ने कहा राज्यांश देने के नाम पर लगातार फिसड्डी साबित हो रहे मुख्यमंत्री बघेल बताएं कि क्या प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को 70 सीटें केंद्र से सिर्फ चिट्ठी के लिए दी है? अपने दम पर, अपने संसाधनों से तीन साल में इस सरकार ने एक भी काम क्यों नहीं किया ? प्रदेश को कंगाल बना कर रख छोड़ने वाले मुख्यमंत्री बघेल हर बात के लिए क्यों चिट्ठियां लिखते रहते हैं?.

इसे भी पढे़ं : सुरक्षाकर्मी की काटी जा रही छुट्टियां, विरोध में परिवार के साथ बैठा धरने पर, जानिए क्या है मामला