बदलते लाइफस्टाइल और समय की कमी की वजह से फ्रोजन और पैक्ड फूड्स का चलन बढ़ गया है. ताजे खाने की तुलना में फ्रोजन फूड को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. फ्रोजन फूड (Frozen Foods) में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट होते हैं. इसके अलावा इनमें स्टार्च और ग्लूकोज से बने कॉर्न सिरप जैसे प्रिजर्वेटिव (Preservative) का इस्तेमाल किया जाता है.
फ्रोजन फूड्स (Frozen Foods) में सोडियम की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है. इसके चलते शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं. इन फूड्स को कभी-कभी खाया जा सकता है लेकिन इसे आदत बनाने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि इनके ज्यादा इस्तेमाल से कौन-कौन सी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
फ्रोजन फूड खाने के नुक्सान
फ्रोजन सब्जियों की लगभग 50 प्रतिशत पौष्टिकता नष्ट हो जाती है. खासतौर पर विटामिन बी और सी तो पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इनका स्वाद भी बदल जाता है.
हार्ट और लिवर के लिए खतरा
ऐसी चीजों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए कई तरह की प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो हार्ट और लिवर के लिए बहुत नुकसानदेह होता है.
हाई ब्लडप्रेशर
फ्रोजन चीजों खास तौर पर चिकन नगेट्स, पिज्जा, कबाब, आलू टिक्की और फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजों को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें मोनो-सोडियम ग्लूटामेट और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व मिलाए जाते हैं. ऐसी चीजों के सेवन से लोगों का ब्लडप्रेशर बढ़ता है.
खतरनाक के मिकल्स का इस्तेमाल
फ्रोजन फूड्स को आकर्षक बनाने के लिए उनमें ब्लू-1 और रेड-3 जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह होते हैं. कई देशों में इस पर पूरी तरह रोक है इसलिए बाजार से फ्रोजन फूड को खरीदते वक्त लिस्ट में इन केमिकल्स की जांच जरूर कर लें.
ट्यूमर और कैंसर
फ्रोजन सब्जियों को ताजा रखने के लिए कुछ ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जिन्हें ‘एंटी माइक्रोबिएंस’ कहा जाता है. इनसे सेंसिटिव लोगों को एलर्जी भी हो सकती है. अगर लगातार लंबे समय तक फ्रोजन चीजों का सेवन किया जाए तो इनकी वजह से ट्यूमर या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.
मोटापा और बैड कॉलेस्ट्रॉल
फ्रोजन फूड में टिक्का, फ्रेंच फ्राई, चिकेन नगेट्स, मटन कोफ्ता, स्प्रिंग रोल आदि कई ऐसी चीजें होती है, जिन्हें डीप फ्राई करने की जरूरत पडती है. इससे वजन बढने का खतरा रहता है. फ्रोजन नॉनवेज में कई तरह के सैचुरेटेड फैट होते हैं, जो बैड कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बढाते हैं.
एक्सपर्ट की सलाह
राजधानी रायपुर के हार्ट स्पेशियालिस्ट डॉ निखिल मोतीरमानी कहते है कि फ्रोजन फूडस में सोडियम की क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है, जो हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचाती है. बॉडी को दिनभर में 2,300 मिली सोडियम की जरूरत होती है और 40 साल के बाद 1500 मिली की जबकि फ्रोजन और रेडी फूड्स में फ्लेवर डालने के लिए सॉल्ट का यूज ज्यादा किया जाता है, जो बॉडी में सोडियम की क्वॉन्टिटी को बढ़ा देता है. इससे आप खतनाक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.