अलीगढ़. पुलिस ने ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़ किया है. शादी की वेबसाइट के जरिए लोगों को शादी का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह के साथ एक दंपति सहित 13 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. तीन साल से यह गैंग शहर के गोपी मिल कंपाउंड और मथुरा नगर से ऑपरेट हो रहा था. बेस्ट पार्टनर, पार्टनर, माई पार्टनर और विवाह डॉट कॉम के नाम से वेबसाइट बना रखी थी.

बता दें कि एसएसपी कलानिधि नैथानी ने शातिर साइबर गिरोह का खुलासा मंगलवार को किया. साथ ही उन्होंने बताया कि गांधी पार्क थाना क्षेत्र के गोपी मिल कंपाउंड में मालती और उसके पति देवेंद्र निवासी सूर्य सरोवर, रमेश बिहार, क्वार्सी द्वारा किराए के भवन में काल सेंटर की आड़ में ठगी का गैंग संचालित किया जा रहा था. यहां से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा गिरोह की दूसरी टीम को सिविल लाइंस के मथुरा नगर स्थित सलिल कुमार के मकान के प्रथम तल से गिरफ्तार किया गया है.

इस टीम में 8 सदस्य थे. कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इनमें से 12 महिलाएं हैं. सभी को जेल भेज दिया गया है. गैंग ने पुलिस को बताया है कि दोनों सेंटर से एक लाख रुपए रोज की ठगी का टारगेट रहता था. कॉल करने वाली लड़कियों को आठ से दस हजार रुपए प्रतिमाह तनख्वाह और ठगी की गई रकम में से 5 से 10 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता था. एसपी सिटी कुलदीप सिंह का कहना है कि गैंग में शामिल लड़कियां ऑनलाइन वैवाहिक पंजीकरण कराने के लिए लोगों को फोन करती थीं. जो भी तैयार हो जाता था, उससे ढाई हजार रुपए बतौर रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाता था.

इसके बाद ग्राहकों से उनका पारिवारिक विवरण/रिज्यूमे प्राप्त कर उनके योग्य लड़की का चयन करने के लिए उन्हें विभिन्न फोटो दिए जाते थे. यह सभी फोटो सोशल मीडिया साइट से चोरी कर लोगों को भेजे जाते थे. इसके अलावा मोबाइल नंबर दिए जाते थे. यह मोबाइल नंबर कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों के ही होते थे. लड़कियां वैवाहिक पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति से बात कर उन्हें भ्रमित करती थीं और उनसे रुपए ऐंठने लगती थीं.

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एसपी सिटी कुलदीप सिंह ने बताया कि पिछले दिनों क्वार्सी थाने में मालती के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था. उक्त मुकदमे को एक युवती ने दर्ज कराया था, जिसमें आरोप था कि मालती ने उसे कॉलिंग के नाम पर रखा. बाद में उसे पता लगा कि यह लोगों से ठगी करते हैं. इस पर उसने काम छोड़ दिया. मगर, गैंग लीडर ने उसकी तनख्वाह नहीं दी थी. इसी से नाराज युवती ने मुकदमा दर्ज कराया. दर्ज कराए गए इस मुकदमे के बाद साइबर सेल को दिल्ली के युवक के अलावा कुछ अन्य शिकायतें भी प्राप्त हुईं, जो कि इसी गैंग से संबंधित थीं. उसी आधार पर काम करते हुए पुलिस ने पूरा नेटवर्क पकड़ा है.

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