पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। नेशनल हाइवे 130सी के मालगांव में कांग्रेस नेता के बेटे द्वारा ग्रामीणों को कार से रौंदने के मामले में पुलिस ने एक आरक्षक को गिरफ्तार किया है. क्योंकि आरक्षक आरोपियों के साथ घटना स्थल पर मौजूद था. यदि वो विवाद की सूचना अधिकारियों को दे देता, तो यह घटना नहीं घटती. इसलिए आरक्षक को आरोपियों की मदद करने और घटना की जानकारी छुपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

एएसपी सूखनन्दन राठौर ने बताया कि आरोपी रोमित राठौर और उसके सहयोगी घटना के बाद आरक्षक बादल सुखदेवे के घर में शरण लिए थे. घटना में उपयोग किए गए वाहन को भी आरक्षक ने अपने घर में ढ़ककर रखा था. एसपी भोजराम पटेल द्वारा मामले की जांच के लिए गठित दल की पड़ताल में यह बात सामने आई है. जिसके बाद पुलिस ने बादल सुखदेव के खिलाफ आइपीसी की धारा 201 और 202 के तहत मामला पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार किया है.

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पुलिस ने बताया कि कार से रौंदने की घटना से पहले धक्का मुक्की को लेकर जब विवाद हुआ, तो उस आरक्षक बादल आरोपियों के साथ कार में बैठा था. हालांकि विवाद के बाद वह कार से उतर कर चला गया, लेकिन शुरुआती विवाद की सूचना आरक्षक ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी. जिस कारण मामला आगे बढ़ा और एक दर्दनाक हादसे का स्वरूप ले लिया. बादल सुखदेवे गरियाबंद के वार्ड क्रमांक 10 का निवासी है, जो एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ था.

यह था पूरा मामला

26 अक्टूबर की रात करीब 10:30 बजे पांचों आरोपियों में से रोमित और सौरभ मालगांव ढाबा जा रहे थे. उनकी कार के बोनट में खरोच लगने के बाद विवाद हुआ तो, ग्रामीणों में से किसी ने सौरभ को थप्पड़ मार दिया. सभी आरोपी एक साथ मिलकर दोबारा गांव लौटे और ग्रामीणों के ऊपर कार चढ़ा दिया. जिससे 4 वर्षीय मुनेश सिंहा की मौत हो गई थी, जबकि 11 लोग घायल हो गए थे. गरियाबंद की कोतवाली पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है.

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