चेन्नई.  स्वयंभू धर्मगुरु ‘कल्कि भगवान’ से जुड़े विभिन्न परिसरों की करीब सप्ताह भर चली तलाशी के बाद आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि जांच में सामने आई ‘अज्ञात’ आय 600 करोड़ रुपए के के पार जा सकती है और स्वयंभू बाबा को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है. बता कल्कि भगवान को उसके अनुयायी ‘श्री अम्मा भगवान’ नाम से पुकारते हैं. जांच में 93 करोड रुपए मूल्य के सोने के गहने, हीरे और अन्य जब्तियां हुई हैं. अब उनका दाम 106 करोड़ रुपए आंका गया है, जिसमें (45 करोड़ रूपये) नकद, सोने के गहने और हीरे (41 करोड़ रुपए) और 20 करोड़ रुपए मूल्य की विदेशी मुद्रा शामिल हैं.

सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि इस धर्मगुरु के न्यासों और कंपनियों को कालाधन (विदेशी आय एवं संपत्ति) एवं कर कानून, 2015 के तहत जांच का सामना करना पड़ सकता है. इस बाबा ने ‘सब एक है’ सिद्धांत दिया था. सूत्रों ने बताया कि सोमवार को खत्म हुई छह दिन की तलाशी के दौरान पता चला कि इस ग्रुप ने कर पनाहगाहों समेत देश-विदेश में कंपनियों में निवेश कर रखा है.

आयकर सूत्रों ने कहा कि अज्ञात आय 600 करोड़ रुपए से अधिक हो सकती है और जांच जारी है. दो सौ से अधिक कर्मियों की टीमों ने तलाशी ली. आयकर विभाग ने 18 अक्टूबर को कहा था कि 500 करोड़ रूपए से अधिक अज्ञात आय का पता चला है, इसके अलावा 93 करोड रुपए मूल्य के सोने के गहने, हीरे और अन्य जब्तियां हुई हैं.

सूत्रों ने बताया कि ऐसी जब्तियों के संशोधित मूल्यांकन से अब उनका दाम 106 करोड़ रुपए आंका गया है, जिसमें (45 करोड़ रूपये) नकद, सोने के गहने और हीरे (41 करोड़ रुपए) और 20 करोड़ रुपए मूल्य की विदेशी मुद्रा शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया कि जांच के आगे बढ़ने और प्रासंगिक पहलुओं को खंगालने के बाद धर्मगुरू और ग्रुप का प्रबंधन संभालने वाले उसके दोनों बेटों को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है.

इस बीच कल्कि भगवान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ हम न तो देश से भागे हैं और न ही कहीं चले गए है. हम नेमाम (तमिलनाडु) में हैं और हम आपको बताना चाहते हें कि हमारा स्वास्थ्य अच्छा है और हम बिल्कुल ठीक हैं.’’ उसने कहा, ‘‘ जब भी बड़ा संकट आता है तो ईश्वर की अपार कृपा आती है.’’

धर्मगुरू द्वारा न्यासों और कंपनियों के समूह से जुड़े 40 परिसरों की तलाशी ली गयी. ये परिसर चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू, आंध्रप्रदेश के वरादैहपलम में हैं.

धर्मगुरु द्वारा स्थापित ये निकाय इन स्थानों पर विभिन्न आवासीय परिसरों में ‘स्वास्थ्य पाठ्यक्रम’ और दर्शन एवं अध्यात्म में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं. आईटी विभाग ने कहा कि इन पाठ्यक्रमों के लिए विदेश से लोग आते हैं और ग्रुप उनसे विदेशी मुद्रा की कमाई करता है.