साइबर क्रिमिनल ने ऑनलाइन फ्रॉड की मदद से पिछले 16 दिनों में मुंबई में 18 लोगों से करीब 1 करोड़ रुपये लूट लिए हैं.

दरअसल साइबर क्रिमिनल्स द्वारा बैंक केवाईसी और पैन घोटालों के बीच नए तरह का ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यहां एक फ्रॉडस्टर ऑनलाइन फ्रॉड का इस्तेमाल करके जबरदस्ती आपके अकाउंट में पैसे भेज दे रहा है. ऑनलाइ आपके बैंक अकाउंट में पैसे भेजने के बाद फ्रॉडस्टर आपसे पैसे चुकाने के लिए कहेगा कि गलती से पैसे भेज दिए हैं. ऐसे में आप कॉल करने वाले इंसान के नंबर पर 10 रुपये या 50 रुपये का अमाउंट वापिस चुकाने पर मैलवेयर के हमले का शिकार बन जाएंगे.

दिल्ली स्थित साइबर क्राइम एक्सपर्ट के अनुसार, अगर आपने फ्रॉडस्टर के कहने पर ये काम कर दिया तो ऐसे में आपका अकाउंट हैक कर लिया जाता है. इसके बाद आपके अकाउंट से सारा पैसा निकाल लिया जाता है.

ऑनलाइन बैंक फ्रॉड से ऐसे बचें

Cyberlaw.com के अध्यक्ष पवन दुग्गल कहते हैं कि इस अटैक में मैलवेयर फिशिंग और ह्यूमेन इंजीनियरिंग का यूज किया जाता है इसीलिए आप सिर्फ एंटी-मैलवेयर सॉफ्टवेयर का यूज करके इस ऑनलाइन फ्रॉड से सुरक्षित नहीं रह सकते हैं. आपके पास सबसे अच्छा विकल्प है कि आप ऐसे किसी भी कॉल के जवाब में कह दें कि वे अपने बैंक से इस मामले को देखने के लिए कह रहे हैं कि उनके खाते में जमा पैसा गलती से आ गया है. इसके बाद कॉलर से नजदीकी पुलिस स्टेशन पर मिलकर पैसे वापस करने का प्रस्ताव दे सकते हैं.

इस खबर के बात कुछ एक्सपर्ट और UPI ऐप्स का कहना है कि, ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि जब यूजर अपने बैंक अकाउंट को किसी UPI ऐप से लिंक करता है, तो बैंक UPI ऐप के साथ कोई केवाईसी इन्फॉर्मेशन नहीं साझा करता है. ऐसे में UPI ऐप से पर्सनल डेटा जैसे केवाईसी को हैक नहीं किया जा सकता है. जब UPI ऐप से पैसों का लेनदेन होता हैं, तो केवल रिसीवर अमाउंट और सेंडर का UTR नंबर साझा किया जाता है.