रायपुर. राज्य सरकार ने बिलासपुर जिले के ग्राम पिपरिया (विकासखण्ड-मरवाही) निवासी किसान सुरेश मरावी (आत्मज निरंजन) द्वारा आत्महत्या किये जाने के बारे में मिली सूचनाओं को गंभीरता से लिया। शासन के निर्देश पर बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा तत्काल पेण्ड्रा रोड के अनुविभागीय दण्डाधिकारी से जांच कराई गई, जिसमें यह पाया गया कि किसान द्वारा कर्ज से परेशान होकर आत्म हत्या किए जाने की खबर तथ्यहीन है। उनके खाते में कोई कर्ज नहीं था।

वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि जांच अधिकारी ने कलेक्टर बिलासपुर को अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें बताया गया है कि स्वर्गीय सुरेश मरावी के ऋण खाते में कोई राशि शेष नहीं है। उन्होंने आदिम जाति सहकारी सेवा समिति ग्राम लरकेनी से पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में अपने किसान क्रेडिट कार्ड पर एक लाख 50 हजार 840 रूपए का ऋण लिया था, लेकिन उस दौरान सूखा पड़ने के कारण राज्य सरकार द्वारा इस ऋण राशि को तीन वर्ष के लिए ऋण परिवर्तित किया गया है। इसके फलस्वरूप किसान के खाते में अब कोई ऋण शेष नहीं है, जबकि उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक लाख 79 हजार 547 रूपए के बीमा दावे की राशि का भी भुगतान किया है, जो उनके बचत खाते मे जमा कर दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि आज आठ जून की स्थिति में स्वर्गीय सुरेश मरावी के बचत खाते में एक लाख 83 हजार 190 रूपए जमा है। उनके खाते में कुल 20 एकड़ 60 डिसमिल जमीन भी दर्ज है। पिछले वर्ष 2017-18 में पेण्ड्रा तहसील के सूखा ग्रस्त होने के कारण उन्हें 13 हजार 855 रूपए का मुआवजा भी दिया गया था। इन तथ्यों से यह स्पष्ट है कि स्वर्गीय सुरेश मरावी पर कोई ऋण राशि शेष नहीं थी और उन पर ऋण अदायगी को लेकर कोई दवाब नहीं था। उनके द्वारा कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या किए जाने का समाचार तथ्यों से परे हैं।