मुंबई. ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को जल्द सरकार एक बड़ी खबर दे सकती है. सल में सरकार कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड में योगदान घटाने का विकल्प देने पर विचार कर रही है. अगर इसे पार्लियामेंट से मंजूरी मिली तो कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड में योगदान घटाने का विकल्प मिल जाएगा. इससे उनकी टेक होम सैलरी में बढ़ोत्तरी हो जाएगी. यह प्रावधान सोशल सिक्योरिटी कोड बिल 2019 में दिया गया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. जल्द ही इसे संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा.

बता दें कि अभी प्रोविडेंट फंड में कंपनी का योगदान 12 फीसदी है. इतना ही मंथली योगदान अभी कर्मचारियों को भी करना पड़ता है. हालांकि लेबर मिनिस्ट्री के इस प्रस्ताव के मुताबिक, प्रोविडेंट फंड में कंपनी का योगदान पहले की ही तरह 12 फीसदी पर बना रहेगा. लेकिन कर्मचारियों के पास इस घटाने का विकल्प होगा. हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पा रहा है कि कर्मचारियों के लिए इसकी कोई रेंज तय है या नहीं. लेबर मिनिस्ट्री ने इंम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) और इंम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (ESIC) की मौजूदा स्वायत्तता को बरकरार रखने का भी फैसला किया है.

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सरकार अगर कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड में योगदान घटाने का विकल्प देता है तो जहां एक आरे टैक होम सैलरी बढ़ जाएगी, वहीं योगदान कम होने से रिटायरमेंट कॉर्पस पर भी असर होगा और इसमें कमी आएगी. मीडिया रिपोर्ट में ये बातें भी कही जा रही हैं, यह सुविधा सभी सेक्टर की बजाए कुछ गिने चुने सेक्टर के लिए हो सकती है.

सोशल सिक्योरिटी बिल के जरिए सरकार देश में 50 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए काम कर रही है. इस विधेयक में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत एक सामाजिक सुरक्षा कोष यानी सोशल सिक्यॉरिटी फंड बनाने की बात भी कही गई है. लेबर मिनिस्ट्री ने EPFO सब्सक्राइबर्स को नेशनल पेंशन सिस्टम में शिफ्ट करने का विकल्प देने का पिछला प्रस्ताव भी वापस ले लिया है. माना जा रहा है कि सोशल सिक्योरिटी बिल को इसी हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा.