शिवम मिश्रा, रायपुर। तीन दिवसीय बस्तर दौरे से राज्यपाल अनुसुइया उइके रायपुर लौट आई हैं. हेलीपैड पर मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बयान दिया है. बस्तर प्रवास को लेकर कहा कि आदिवासी समाज के कार्यक्रम में नेवता मिला था. उसी कार्यक्रम में शामिल होने गई थी. बड़ी संख्या में आदिवासी आए हुए थे. सभी से मुलाकात हुई चर्चा की गई.

छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज के बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुए. इन्हें समाज मे हमेशा याद किया जाता है, लेकिन बहुत से आदिवासी आजादी के लिए लड़ाई लड़े हैं. उन्हीं के कार्यक्रम में गई थी. प्रधानमंत्री जी ने भी आजादी के 75वीं वर्षगांठ की घोषणा की है. देश भर में ऐसे लोग जो गुमनामी में हैं, जिनका इतिहास में कोई नाम नहीं है, वहां जाकर उन्हें याद कर उन्हें सम्मान दिया जाना है.

धर्मांतरण के मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि धर्मांतरण को लेकर कानून बनाया गया है, लेकिन जबरदस्ती धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ निश्चित कार्रवाई होनी चाहिए. समय-समय कई समाज के लोगों ने मुझसे शिकायत की है, जिसे मैंने शासन-प्रशासन और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस पर जांच कर उचित कदम उठाने के लिए ध्यानाकर्षण किया है.

इस दौरान केंद्रीय कृषि कानून को निष्प्रभावी बनाने राज्य सरकार द्वारा लाए गए कानून पर अब तक फैसला नहीं लिए जाने पर राज्यपाल ने कहा कि संविधान में कोई भी कानून यह देखता कि केंद्र के कानून से राज्य का कानून प्रभावित तो नहीं हो रहा है. इस दिशा में एक लीगल एडवाइजर और राष्ट्रपति से चर्चा करनी होती है. संविधान के अनुरूप है या नहीं, इस पर मार्गदर्शन लिया जाता है. इस पर राष्ट्रपति और केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, मार्ग दर्शन भी मांगा गया है. कानून के दायरे में रहकर ही यह करना होता है. 

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