भोपाल। देशभर के साथ साथ मध्य प्रदेश में भी गुरुवार को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही आज सभी हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। भगवान हनुमान की अलग – अलग विधि विधान और परंपराओं के अनुसार पूजा अर्चना की जा रही है। आज कई जगहों पर हनुमान जी को चोला चढ़ाया जा रहा है। कई मंदिरों में भव्य स्तर पर भंडारे का आयोजन भी किया गया है। इस मौके पर विभिन्न जगहों पर जुलूस निकालने की भी व्यवस्था की गई है।
खंडवा में हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा
खंडवा। मध्य प्रदेश केखंडवा में भी हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा। भक्तों ने हनुमान जी से सुख समृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। खंडवा के प्राचीन खेड़ापति हनुमान मंदिर में भी श्रद्धालु उमड़े। जन्म आरती और भोग आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु रहे। राम दरबार की सजीव झांकी सजाई गई है तो वहीं सुंदरकांड का आयोजन भी किया जा रहा है।
खंडवा के गणेश तलाई स्थित श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यहां हनुमान जी की प्रतिमा पीपल के पेड़ की खोड़ से स्वयं प्रकट हुई थी। इसलिए इन्हें खोडया हनुमान भी कहा जाता है। हनुमान जन्मोत्सव पर यहां 2 दिनी आयोजन के तहत भक्त बड़ी संख्या में आ रहे है । भक्त यहां नारियल अर्पित कर अर्जी लगाते हैं। यहां राम दरबार की सजीव झांकी भी सजाई गई। जिसमें बच्चे श्रीराम, सीता मां, लक्ष्मण और हनुमान जी बनकर शामिल हुए। उन्होंने सबके कल्याण की कामना की।
टीकमगढ़ में श्री श्री 1008 हनुमान जी महाराज का सिंगार कर हुई महा आरती
टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में भी हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। यहां बडागाँव के श्री श्री संकट मोचन हनुमान जी मंदिर पर श्री श्री 1008 हनुमान जी महाराज का सिंगार कर महाआरती की गई। जिसके बाद बड़ी संख्या में भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया। वैसे तो यहां प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को भगवान का सोलह सिंगार कर ध्वजा चढ़ाकर महा आरती का आयोजन किया जाता है। जिसमे श्रद्धालुओं द्वारा कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आयोजन जैसे मुकुट, कंगन,कवच, चांदी के आभूषण भगवान को अर्पित कर कन्या भोज कथा वचन जैसे अनेक धार्मिक अनुष्ठान निरंतर चलते रहते हैं। लेकिन आज हनुमान जन्मोत्सव में पूरा मंदिर हनुमान जी के जयकारे से गूंज उठा। नगर वासियों की माने तो संकट मोचन श्री श्री 1008 बजरंगबली की प्रतिमा के बाएं पैर में पाताल देवी चिन्ह अंकित है। यहां पर सच्चे दिल से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। यह चमत्कारी सिद्ध मन की मुरादे पूरी करने वाली संकटों को हरने वाले अनंत बलवंत हनुमंत लाल जी की प्रतिमा है। यहां पर सच्चे मन से आए हुए श्रद्धालु की हर मुराद पूरी होती है।
धार के प्राचीन सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में लगा भक्तों का तांता
धार। आज हनुमान प्रकट उत्सव पर धार के प्राचीन सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। हनुमान मंदिर की विशेष साज सज्जा की गई है। वही हनुमान जी को चोला चढ़ाकर उन्हें फल मिठाईयां भोग लगा कर सुबह महाआरती की गई। इस महाआरती में भारी तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे। आज मंदिर परिसर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे वही मंदिर की आकर्षक साज-सज्जा भी की गई है।
शाजापुर जिले में धूमधाम से मनाया गया श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म उत्सव
शाजापुर। गुरुवार को शाजापुर जिले के विभिन्न हनुमान मंदिरों में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। शाजापुर जिला मुख्यालय पर स्थित मुरादपुरा हनुमान मंदिर, डांसी हनुमान मंदिर, खेड़ापति हनुमान मंदिर सहित शाजापुर के 108 हनुमान मंदिर पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ दिखाई दी, तो वही शाजापुर जिले के अति प्राचीन ग्राम अय्यापुर में स्थित बालाजी हनुमान मंदिर एवं ग्राम बोलाई में स्थित सिद्धवीर हनुमान मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन दर्शन करने के लिए पहुंचे यहां पर श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे का आयोजन भी किया गया।
पुजारी का दावा है कि हनुमान जी के इस मंदिर को लेकर लोगों का मानना है कि मंदिर में विराजे हनुमान लोगों का भविष्य बताते हैं। भक्तों का मानना है की जो भी यहां आता है, उसे अपने जीवन में आने वाली घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है। मंदिर का निर्माण 300 साल पहले देवीसिंह ने करवाया था। यहां वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर उक्त स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया। यहां पर उन्होंने 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या की। यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है।
झंडा चढ़ाने से मनोकामनाएं होती है पूरी
शाजापुर जिले के ग्राम अय्यापुर में सैकड़ों वर्ष पुराना हनुमान जी का मंदिर है यहां पर मंगलवार और शनिवार के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है वहीं हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर यहां पर सैकड़ों की संख्या में भक्त झंडा चढ़ाने के लिए पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर झंडा चढ़ाते हैं इसके साथ ही मंदिर परिसर में मंदिर समिति एवं ग्रामीणों द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है जो सुबह 10 बजे शुरू होकर शयन आरती तक जारी रहता है।
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