संजय विश्वकर्मा उमरिया। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बसे 10 गांव में शासन की नीतियों के तहत स्वैच्छिक विस्थापन की राशि बढ़ा दी गई है। विस्थापन के लिए प्रति वयस्क व्यक्ति की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है। इसी के साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लाभ लेने वाला गढ़पुरी पहला गांव बन गया है।

बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बसे 10 गांवों में शासन की नीतियों के तहत स्वैच्छिक विस्थापन का कार्य प्रस्तावित है। शासन द्वारा 2006 के पश्चात 2021 में विस्थापन के लिए प्रति परिवार राशि 10 लाख से बढाकर 15 लाख रुपए की गई है। इसका लाभ उठाते हुए बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के गढ़पुरी गांव के 312 परिवारों द्वारा विस्थापन के लिए सहमति व्यक्त की गई है।

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गढ़पुरी के ग्रामीणों द्वारा लगातार प्रबंधन से विस्थापन की मांग की जा रही थी। ग्रामीणों का कहना था की राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित होने के कारण हमारा गांव शासन की विभिन्न योजनाओं एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। साथ ही हिंसक वन्यप्राणियों का विचरण लगातार गांव के आस-पास होने से ग्रामीणों एवं उनके मवशियों को जान का खतरा हमेशा बना रहता है। वर्ष 2018 से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में जंगली हाथियों का विचरण लगातार बना हुआ है जो ग्रामीणों की फसलों, घरों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं एवं कुछ दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में ग्रामीणों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है। जानकारी सुधीर मिश्रा एसडीओ ने दी।

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