नई दिल्ली। देश इस साल अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर दिल्ली होम्योपैथिक बोर्ड ने सोमवार को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ आयोजित किया. साथ ही दिल्ली होम्योपैथिक बोर्ड ने होम्योपैथिक का 225वां वर्ष भी मनाया. इस कार्यक्रम में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भाग लिया और कहा कि होम्योपैथी पद्धति देश में बहुत सराहनीय काम कर रही है और बिना किसी साइड इफेक्ट के लोगों को रोगमुक्त कर रही है. दिल्ली सरकार के चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान, नेहरू होम्योपैथिक अस्पताल और आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज और अस्पताल ने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्कृष्ट काम किया. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने होम्योपैथी डॉक्टरों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया.
होम्योपैथी चिकित्सा का अहम योगदान- सत्येंद्र जैन
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि “आयुष चिकित्सा पद्धति में होम्योपैथी बहुत ही सराहनीय काम कर रही है और बिना किसी साइड इफेक्ट के लोगों को रोगमुक्त बना रही है. सभी डॉक्टरों को अपने व्यवहार में शांत, विनम्र और दयालु होना चाहिए, जिससे उनके पास आने वाले अधिकांश मरीजों का न सिर्फ अच्छा इलाज हो सकेगा, बल्कि मरीजों में डॉक्टर के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा. सभी डॉक्टरों को मरीजों में विश्वास जागृत करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.

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मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमें खुशी और आत्मविश्वास को अपना हथियार बनाकर बीमारियों के खिलाफ बड़े स्तर पर युद्ध लड़ना होगा. कोविड-19 महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के तीन आयुष अस्पतालों ने कोरोना मरीजों का इलाज किया. यह चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान, नेहरू होम्योपैथिक अस्पताल और आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज एवं अस्पताल हैं. इन अस्पतालों ने कोविड मरीजों के इलाज में बेहतरीन काम किया है. यह न केवल होम्योपैथिक पद्धति के उपचार के कारण हुआ है, बल्कि ट्रीटमेंट के दौरान अच्छे वातावरण में रहने की वजह से भी हुआ है.”

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उन्होंने आगे कहा कि “हमारा ज्यादातर ध्यान बीमारियों पर रहता है, जबकि इससे ज्यादा स्वास्थ्य पर होना चाहिए. हमें डॉक्टर से परामर्श केवल बीमारी होने के बाद ही नहीं, बल्कि स्वस्थ रहते वक्त भी लेना चाहिए. स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है, जिसकी हम सुरक्षा कर सकते हैं. ईश्वर ने सभी को स्वस्थ ही बनाया है, लेकिन यह हमारे कर्म हैं, जो हमें अस्वस्थता की ओर ले जाते हैं. आयुष चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर इस कार्य को बहुत अच्छे से कर सकते हैं. इस प्रणाली में एक स्वस्थ व्यक्ति भी डॉक्टर से परामर्श कर सकता है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम बीमार होने के बाद ही डॉक्टर के पास जाएं.”

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इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली के होम्योपैथिक डॉक्टरों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. बोर्ड ने कहा कि वह होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर, वृक्षारोपण, सेमिनार जैसी कई चीजों का आयोजन करेगा, जो अगले साल तक चलाया जाएगा.