न्यामुद्दीन अली,अनूपपुर/समीर शेख,बड़वानी। एक ओर जहां आज पूरा देश मजदूर दिवस मना रहा, सुबह से ही आज सोशल मिडिया में मजदूर दिवस पर बधाइयों का दौर जारी रहा। तो वही दूसरी ओर दो वक्त की रोटी कमाने के लिए मजदूरी कर रहा एक आदिवासी मजदूर काम के  दौरान बिजली करेंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया। जो अब अस्पताल में इलाज के दौरान जिंदगी मौत की लड़ाई लड़ रहा। यह घटना अनूपपुर जिले की है। 

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अनूपपुर जिला मुख्यालय कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत अनिल पटेल के घर पर  निर्माण कार्य के लिए ग्राम कहरीवाह निवासी आदिवासी मजदूर भोला रौतेला अपना व अपने परिवार के दो जून की रोटी के लिए मजदूरी का काम कर रहा था। निर्माणाधीन माकान में कार्य मे लगे मजदूर भोला की वहां से गुजरी बिजली सप्लाई लाइन के चपेट में आ गया। जिससे वह गंभीर रूप से  घायल हो गया। जिसे आनन फानन में उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया , जहां मजदूर भोला उपचार के दौरान जिंदगी मौत की लड़ाई लड़ रहा है।

बड़वानी में मजदूरों के अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन 

इधर दूसरी ओर बड़वानी में जागृत आदिवासी दलित संगठन ने जिला मुख्यालय के पाटी नाका क्षेत्र से रैली निकालकर पुराने कलेक्ट्रेट के समक्ष मंच लगाकर धरना प्रदर्शन किया । इसके बाद बुरहानपुर में संगठन के सदस्य के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए जाने को लेकर कोतवाली थाने का घेराव भी किया गया। संगठन की नेत्री माधुरी बेन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर मेहनत कशों के संवैधानिक अधिकारों को याद करते हुए जागृत आदिवासी दलित संगठन उनके हक में धरना प्रदर्शन कर रहा है।

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उन्होंने बताया कि हम किसानों मजदूरों और सभी वंचित और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए संवैधानिक रूप से संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने आरोप लगाया कि आज रोजगार की स्थिति बेहद खराब है और मजदूर पलायन के लिए मजबूर है । उन्होंने कहा कि बैल भी खरीदने जाओ तो 45 से ₹50000 में मिलते हैं, जबकि मजदूरों को अन्य राज्यों में ले जाकर उसे 16 घंटे काम कराया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेगा आज पूरी तरह ठप है जिसके कारण आदिवासी मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाने व रोजगार के लिए आदिवासियों के भटकने को लेकर सवाल उठाया  कि यह किस तरह का विकास है? कोतवाली में जारी विरोध के बीच संगठन से जुड़े प्रकाश बन्दोद ने बताया कि संगठन के अंतर रामद्वारा वन कटाई के विरोध में बुरहानपुर में धरना प्रदर्शन किया गया था तो उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया। आज उसी घटनाक्रम को लेकर कोतवाली का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

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