बिलासपुर। हाई कोर्ट में शुक्रवार को कोरोना प्रबंधन से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने एक जिले के अस्पताल में खाली बेड्स को दूसरे जिले के जरूरतमन्द को देने के लिए सिस्टम बनाने पर जोर दिया. वहीं अधिवक्ताओं ने वेब पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जिससे लोगों को बेड उपलब्धता के बारे में पता चल सके, इसके अलावा ऑक्सीजन युक्त एम्बुलेंस से मरीजों को ट्रांसफर किये जाने पर बल दिया. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा है. सोमवार को आदेश जारी किया जाएगा.

चीफ जस्टिस पीआर मेनन और जस्टिस पीपी साहू की खंडपीठ ने गुरुवार को रेल कोचेस को कोवि़ड केअर सेंटर बनाने सम्बन्धी संभावना को परीक्षण के निर्देश दिए थे. इस पर शुक्रवार को महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि रायपुर में रेल अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक हुई है, जिसमें रेलवे ने कोचेस में स्टाफ, ऑक्सीजन व अन्य सुविधाओं देने असमर्थता जताई है.

न्यायमित्र प्रफुल्ल भारत ने न्यायालय को बताया कि सिम्स में किस तरह से विधायक के और डीन के नाम से वेंटिलेटर सुरक्षित रखा गया है. इस आरोप का महाधिवक्ता ने खंडन किया.

इस पर हस्तक्षेप याचिकाकर्ता के तरफ से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और संदीप दुबे ने बताया कि रेलवे SECR जोन में ही 23 छोटे-बड़े अस्पताल संचालित हैं, जिसमें 15 छत्तीसगढ़ में है. उनके पास डॉक्टर, स्टाफ नर्सेस, ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था है, यदि वे अपने कोचेस को कोविड सेन्टर में नहीं बदल सकते हैं, तब भी वे अपने सभी अस्पतालों को कोविड मरीज के लिए बना सकते हैं. रेलवे के अधिवक्ता ने इसका खंडन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के सिर्फ 3 अस्पताल हैं, जो कि बिलासपुर, रायपुर और भिलाई में हैं. तीनों अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहे हैं, और अपने क्षमता से अधिक कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

राज्य सरकार के अनुसार, राज्य ने 7500 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें 2 हजार से अधिक खाली है, इसी तरह से एचडीयू, आईसीयू खाली हैं, वेंटिलेटर भी 242 खाली हैं. इस पर उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया कि ये राज्य के आंकड़े हैं तो दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के हालात फिर ऐसी क्यो है. इस पर महाधिवक्ता ने बताया कि बिलासपुर में 366 ऑक्सीजन बेड में से 18 खाली हैं, एचडीयू 116 और आईसीयू  24 खाली हैं. वहीं दुर्ग में ऑक्सीजन के 1329 बेड में केवल 45 खाली हैं, आईसीयू और अन्य में बेड खाली नहीं है. रायपुर में स्थिति बेहतर है, और यहां ऑक्सीजन के 700, एचडीयू के 63, आईसीयू के 28 और 112 वेंटिलेटर खाली हैं.