कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पर्यावरण प्रदूषण को लेकर नाराजगी जाहिर की है. हाइकोर्ट ने अधिवक्ता मनवर्धन सिंह तोमर की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को नोटिस जारी किया है. हाइकोर्ट ने प्रदूषण फैला रहे 2010 से पुराने वाहनों के कैरिज परमिट को लेकर शासन से जबाब तलब किया है. बसों और ट्रकों को कैरिज परमिट जारी होता है.

दरअसल मध्यप्रदेश शासन ने साल 2015 में मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 77 में संसोधन किया था. संसोधित गजट नोटिफिकेशन 2015 में 2010 के बाद के 15 साल पुराने वाहनों का कैरिज परमिट निरस्त करने का प्रावधान किया गया. इस संसोधन के पीछे शासन ने इन वाहनों से प्रदूषण होने का हवाला दिया था, लेकिन याचिकाकर्ता अधिवक्ता मनवर्धन सिंह ने शासन की मंशा और संसोधन गजट नोटिफिकेशन पर सवाल खड़े करते हुए बीते 2 फरवरी 2021 को जनहित याचिका दायर की.

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याचिका में तर्क दिया गया कि शासन पर्यावरण प्रदूषण निवारण के लिए जागरूक नहीं है. शासन ने अपने मोटर व्हीकल एक्ट सेक्शन 77 के संसोधित गजट नोटिफिकेशन में 2010 के बाद के वाहनों के सबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी करते हुए 15 साल पुराना होने पर कैरिज परमिट निरस्त करने की बात कही गई है. जबकि इन वाहनों से ज्यादा प्रदूषण 2010 से पहले के वाहन फैला रहे हैं. जिन्हें धड़ल्ले से कैरिज परमिट भी जारी किया जा रहा है.

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ऐसे में शासन को तत्काल संसोधित गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए 2010 से पहले के बस और ट्रक के कैरिज परमिट निरस्त किये जाने चाहिए. ताकि पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सके. बहरहाल हाइकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए शासन को जवाब तलब किया है. ऐसे में अब देखना होगा कि शासन आगामी सुनवाई में अपना क्या जबाब प्रस्तुत करता है ?

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