अमृतांशी जोशी,भोपाल। देशभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस बनाया जाएगा. इसे देखते हुए मध्यप्रदेश में विश्व हिंदू परिषद ने विद्यालयों को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि विद्यालय में हिन्दू बच्चों को सांटा क्लॉज न बनाया जाए. छात्रों को सांटा क्लॉज बनाना हिन्दू संस्कृति पर हमला है. स्कूल हिन्दू संस्कृति के बच्चों को ईसाई बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कल्पनिक पात्र की वेशभूषा पहनकर बच्चों को जोकर बनाने की कोशिश न करें.

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विश्व हिंदू परिषद ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि हमारे बच्चों को रामकृष्ण महावीर बनाएं, लेकिन ये सब बनने के लिए प्रेरित न करें. अगर कोई विद्यालय ऐसा करता है, तो उनके विरुद्ध कड़ी क़ानूनी कार्रवाई अभिभावक कर सकते हैं. विश्व हिंदू परिषद की सभी जिला इकाइयों ने मिशनरी स्कूलों को भी पत्र लिखा है. बिना अभिभावकों की सहमति के क्रिसमस संबंधी कार्यक्रमों में शामिल न करें. हिंदू धर्म के छात्र छात्राओं को क्रिसमस से दूर रखें. सनातनी छात्र छात्राओं को सांटा न बनाएं.

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बता दें कि 25 दिसंबर को क्रिसमस बनाया जाएगा. सबसे पहले सांता का नाम संत निकोलस है. संत निकोलस का जन्म जीसस की मौत के करीब 280 साल बाद एक बहुत ही अमीर परिवार में मायरा में हुआ था. निकोलस ने अपने माता पिता को बचपन में ही खो दिया था. वह बचपन से प्रभु यीशु को बहुत मानते थे. उन्हें जरूरतमंद और बच्चों को गिफ्ट देना बहुत अच्छा लगता है. लेकिन अब ईसाई धर्म के लोग हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. इसलिए इसका विरोध शुरू हो गया है.

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