उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश की हिंदू युवती भावना को दरगाह परिसर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि युवती को नमाज पढ़ने जाने से पहले संबंधित थाने के एसएचओ को एक प्रार्थनापत्र देकर इसकी जानकारी देनी होगी। जिससे उन्हें को सुरक्षा मुहैया कराई जा सके।

दरअसल, मध्य प्रदेश की मूल निवासी 22 वर्षीय युवती भावना व 35 वर्षीय मुस्लिम युवक फरमान एक साथ रहते हैं और दोनों हरिद्वार की फार्मा कंपनी में साथ जॉब करते हैं। युवती ने फरमान के साथ हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

युवती का कहना था कि उसका नमाज पढ़ने का मन करता है। जब वह पिरान कलियर में नमाज अदा करने के लिए जाती है तो हिंदू संगठन विरोध करते हैं, जबकि यह उसकी धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है।

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हुई। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा जब वह नमाज पढ़ने जाए, तो उससे पहले वह एक प्रार्थना पत्र सम्बंधित थाने के एसएचओ को दे। एसएचओ उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं।

वहीं वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पेश युवती से अदालत ने पूछा कि दरगाह में ही क्यों नमाज अदा करना चाहती है घर में भी नमाज पढ़ी जा सकती है। जिस पर भावना ने कोर्ट को बताया कि वह रूड़की के रोशनाबाद में एक हर्बल फैक्ट्री में नौकरी करती है। वह स्थानीय पिरान कलियर दरगाह से प्रभावित है। इसलिए वह वहां नमाज पढ़ना चाहती है। उसे कट्टरवादी संगठनों से खतरा है। इसलिए उसे सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए।

युवती के द्वारा कोर्ट को यह भी बताया गया कि उसने शादी नहीं की है। न ही वह अपना धर्म बदलना चाहती है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होगी।

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