मनीष सोनी. अंबिकापुर. मंत्रियों ने समय-समय पर कई बार हद कर दी है. इस बार ‘हद कर दी आपने’ का डायलॉग राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा पर सटीक बैठता है. दरअसल मंत्री ने आज राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया. लेकिन बाद में जब मंत्री से पत्रकार सवाल-जवाब करने लगे तो वे कोई परीक्षा देने नहीं आये हैं, यह कहकर सवालों का जवाब देने की बजाय चलते बने.

दरअसल, मंत्री द्वारा जूता पहनकर झंडारोहण किये जाने के चलते पहले से चिढ़े हुए और नाराज पत्रकारों ने उनसे कई ऐसे सवाल पूछ दिए जिनका मंत्री अब तक जवाब ढूंढ रहे होंगे. पत्रकारों ने कहा कि मंत्री जी आपने अभी संविधान पर लंबा भाषण दिया है, क्या आप बता सकते हैं कि संविधान के जनक कौन हैं ? मंत्री इस सवाल का जवाब ढूंढ़ते नज़र आए. मंत्री को फंसा देख पत्रकार ने अगला सवाल दाग दिया कि देश के पहले राष्ट्रपति कौन थे. मंत्री जी ने लड़खड़ाते हुए कहा कि अपने डॉक्टर फिर थोड़ा रुके और आगे कहा राजेंद्र. हालांकि उनको अपने जवाब को लेकर संशय था लेकिन फिर पत्रकार ने पुराना सवाल पूछ लिया कि संविधान के जनक कौन थे. मंत्री जी समझ गए पत्रकार उन्हें घेरने के इरादे से आया है लिहाज़ा उन्होंने कह दिया कि ये कोई परीक्षा नहीं चल रही है. इसके बाद मंत्री चलते बने.

अब सवाल खड़ा होता है कि उनके जवाब ना देने को क्या माना जाए. क्या छत्तीसगढ़ प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा छत्तीसगढ़ के नंबर दो मंत्री की हैसियत रखने वाले रामसेवक पैकरा को इस सवाल का जवाब नहीं मालूम या फिर वो उस वक्त भूल गए. इसका फैसला आप इस वीडियो को देखकर करिए.

गृहमंत्री से जब पूछा गया कि संविधान के जनक कौन थे तो कैसे सकपका गए पैकरा

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पहले भी विवादों में रहे पैकरा

यहाँ आपको यह भी बता दें कि मंत्री रामसेवक पैकरा ने बीते वर्ष बलात्कार के मामले पर सवाल पूछे जाने पर बेतुका बयान दिया था. मंत्री जी ने कहा था कि बलात्कार कोई जानबूझकर थोड़े करता है. धोखे से हो जाता है. खैर ! इस विवादास्पद बयान पर बात करना यहाँ ठीक नहीं है. मंत्री रामसेवक पैकरा तब भी सुर्ख़ियों में आ गए थे जब उनके बेटे की शादी में चार सरकारी डॉक्टर ड्यूटी पर लगाये गए थे.

हम आपको बता दें कि भारतीय संविधान का निर्माण हो रहा था तब संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे. वहीँ प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अम्बेडकर थे. लेकिन माना जाता है कि संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे.