रणधीर परमार,छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला न्यायालय में पूर्व सीएम व बीजेपी नेत्री उमा भारती पेशी पर पहुंची. जे सी राठौर की षष्ठम जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत 1998 लोकसभा चुनाव के दौरान हुए हमले पर गवाही दी. उमा भारती ने गुजरात ब्रिज हादसे पर दुख जताया. शराबबंदी को लेकर कहा कि मेरे आने की दशहत से शराब की दुकाने बंद न हो, बल्कि हमेशा के लिए बंद हो, ऐसा चाहती हूं. 30 मारखा नहीं 60 मरखा बनना चाहती हूं.

मोरबी पुल में क्षमता से अधिक लोग थे सवार

गुजरात के मोरबी पुल हादसे पर उमा भारती ने कहा कि बड़ी चूक हुई जितनी पुल की कैपेसिटी थी, उससे कहीं ज्यादा चलने की अनुमति दे दी. जिस कारण यह हादसा हुआ. इस मामले पर गुजरात की सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री जी स्वयं भी इस बात को लेकर काफी दुखी हैं. हम उन सभी परिवारों के साथ दुख में शामिल हैं. जिनके साथ हादसा हुआ है.

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श्रद्धांजलि दी, कार्रवाई की जाए

इस मामले को लेकर उचित कार्रवाई की जाए. पुल टूटने के पीछे दोषी की बात को लेकर कहा कि आमतौर पर टिप्पणी कर पाना मुश्किल है कि दोषी कौन है. फिलहाल में जो तड़प तड़प कर मरे हैं, मैं उनकों श्रद्धांजलि देती हूं.

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30 मारखा नहीं बल्कि 60 मारखा बनना चाहती हूं

वही शराबबंदी को लेकर उमा भारती से कहा कि मैं 30 मारखा नहीं बल्कि 60 मारखा बनना चाहती हूं. मेरे आने की दशहत से शराब की दुकाने बंद न हो, बल्कि हमेशा के लिए बंद हो, ऐसा चाहती हूं. यह बात उमा भारती ने इसलिए कहीं क्योंकि जब वह सागर से छतरपुर की ओर आ रही थी, तब शराब के दुकानदारों ने दशहत में ही दुकाने बंद कर दी थी.

सरकार ऐसी नीति बनाए की दुकानें खुले ही नहीं

उमा भारती ने कहा कि साल-छ माह के अंदर ऐसी हालत कर दूंगी की अधिकारी और प्रशासनिक तंत्र सब दहशत में आ जाएंगे, क्योंकि भय बिन प्रीत ना होई, आने वाले समय में कुछ ऐसा हो जाएगा. मैं आई तो तुरंत दुकानें बंद हो गई और मेरे जाने के बाद तुरंत दुकान खुल गई. मैं 30 मारखा नहीं मैं 60 मारखा बनना चाहती हूं. जिससे सरकार ऐसी नीति बनाए कि दुकानें खुले ही नहीं.

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