रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नान घोटाले की जांच की मांग ईडी से किए जाने के साथ ही मुद्दे पर फिर से सियासत तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस पर प्रकरण में घिरे आईएएस अनिल टुटेजा और डॉ. आलोक शुक्ला के जरिए सरकार पर निशाना साधा है. मामले में अब आईएएस अनिल टुटेजा ने रमन सिंह को पत्र लिखकर आरोपों पर दस्तावेजों के जरिए जवाब दिया है.

आईएएस अनिल टुटेजा ने ने कहा कि आपकी सरकार ने मेरे कार्यकाल में अमानक चावल संग्रहण, और 5 करोड़ के नुकसान के एसीबी के मुख्य आरोपों को खारिज किया था, और मुझे क्लीनचिट दी थी. विडंबना है कि जिन आरोपों को आपकी सरकार द्वारा निराधार तथा काल्पनिक बताया गया था, उन्हीं आरोपों के आधार पर ट्रायल का सामना करने को विवश हूं.

उन्होंने कहा कि मीडिया में आप निरंतर मुझ पर नान घोटाले के प्रमुख आरोपी होने, वर्तमान सरकार द्वारा मुझे बचाने, संरक्षण देने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ करने के आरोप लगाते रहते है. यह न्यायोचित होगा कि मेरे विरूद्ध निरंतर लगाये जा रहे निराधार आरोपों पर अपना पक्ष भी सब के सामने रखूं.

पत्र में आरोपों का विस्तार से ब्यौरा देते हुए कहा कि कथित नान घोटाले की जांच के बाद रायपुर के विशेष न्यायालय के समक्ष मेरे सहित 16 आरोपियों के विरूद्ध 6 जून 2015 को एसीबी द्वारा प्रस्तुत चालान में मुख्यत: तीन आरोप लगाए गए थे. इसमें नान में मात्र 8 माह के (जुन 2014 से फरवरी 2015) कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का नवीन तंत्र विकसित हुआ. जिसके तहत राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल का संग्रहण एवं वितरण किया गया. चावल और नमक के अनावश्यक अंतरजिला परिवहन में नान को 5.18 करोड़ की क्षति हुई. लाखों क्विंटल अमानक चावल के बदले राइस मिलरों से एकत्र अवैध राशि में मुझे भी हिस्सा प्राप्त होता था.

उन्होंने कहा कि एसीबी ने बड़ी मात्रा में अमानक चावल के संग्रहण एवं नान को 5 करोड़ की क्षति होने के संबंध में नान प्रबंधन अथवा शासन के खाद्य विभाग से पूछने की आवश्यकता नहीं समझी तथा चावल के मापदण्डों की कोई जानकारी न होने के बाद भी अमानक चावल के संग्रहण के काल्पनिक आरोप लगाये.

टुटेजा ने कहा कि आपकी सरकार ने अमानक चावल संग्रहण एवं 5 करोड़ की क्षति के बारे में जो उच्च न्यायालय तथा विधानसभा में जो जानकारी दी थी, जिसमें राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहित नहीं करने और नमक के अनावश्यक परिवहन में कोई क्षति नहीं होने की बात कही गई थी. इसके अलावा राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहण एवं वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने की बात कही गई थी.

टुटेजा ने कहा कि यही नहीं नान द्वारा 6 जून 2016 को सूचना के अधिकार अंतर्गत दी गई जानकारी में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में खाद्यान्नों के संग्रहण, परिवहन एवं वितरण में कोई क्षति नहीं हुई है. उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिकाओं में नान घोटाले की जांच सीबीआई/एसआईटी द्वारा कराये जाने की मांग पर आपकी सरकार की ओर से दिए गए 30 अगस्त 2016 को दिए जवाब में बताया गया था कि विगत 12 वर्षों से भी अधिक अवधि से राज्य का पीडीएएस देश के लिये मॉडल है, टाइम टेस्टेड तथा एफिसियेन्ट है. नान में हुए कथित घोटाले का आरोप काल्पनिक, राजनीति प्रेरित, तथा अटकलों पर आधारित है. वास्तव में ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं है.

इससे स्वत: सिद्ध है कि आपकी सरकार ने मेरे कार्यकाल में बडी मात्रा में अमानक चावल संग्रहण और 5 करोड़ की क्षति के एसीबी के मुख्य आरोपों को सिरे से खारिज किया जा चुका था तथा मुझे क्लीन चिट दी जा चुकी थी.

आपकी सरकार द्वारा विभिन्न अवसरों पर एसीबी के आरोपों को खारिज करने के आधार पर ही मेरे द्वारा आपको समय-समय पर अभ्यावेदन देकर मेरे विरूद्ध लंबित प्रकरण को समाप्त करने का अनुरोध किया गया था. जिन पर अज्ञात कारणों से कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्टे विधानसभा चुनाव की 20 नवम्बर को हुई वोटिंग उपरांत तथा मतगणना के 5 दिन पूर्व 5 दिसम्बर 2018 को मेरे विरूद्ध विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया. विडम्बना यह है कि जिन आरोपों को आपकी सरकार द्वारा निराधार तथा काल्पनिक बताया गया था, उन्हीं आरोपों के आधार पर मैं ट्रायल का सामना करने को विवश हूं.

यह भी उल्लेखनीय है कि मेरे से कोई अवैध राशि बरामद नहीं हुई थी, और न ही मेरे विरूद्ध अनुपातहीन संपत्ति होने का प्रकरण दर्ज किया गया था. चूंकि आपको यह भली भांति जानकारी थी कि मेरे विरूद्ध एसीबी द्वारा झूठा प्रकरण तैयार किया गया था, इसीलिये मेरे विरूद्ध किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई आरंभ करना और निलंबित करना तो दूर, मुझे कभी कारण बताओं सूचना तक जारी नहीं की गई, बल्कि मेरे कार्यकाल में भी राज्य का पीडीएस सर्वश्रेष्ठ होने का प्रमाण पत्र दिया गया था.

टुटेजा ने इसके साथ ही अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि आपके कार्यकाल के दौरान ही मेरी पदस्थापना जुलाई 2015 में संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के पद पर की गई थी और दुर्भाग्य देखिये मैं अभी भी संयुक्त सचिव स्तर के पद पर ही कार्यरत हूँ. मुझसे 4 वर्ष जूनियर अधिकारी भी सचिव के पद पर पदोन्नत हो चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि वर्तमान सरकार पर मेरे विरूद्ध कार्रवाई न करने, संरक्षण प्रदान करने, बचाने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापना जैसे निराधार आरोप लगाने बंद करने का कष्ट करें. पूर्व में ही मैं अत्यधिक प्रताडऩा एवं अन्याय का शिकार हो चुका हूं.

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