अनिल मालवीय, इछावर। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के अलावा पंचायत कार्यालय में शुद्ध पानी की सुविधा मुहैया कराने की योजना तहसील क्षेत्र में दम तोड़ती नजर आ रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की उदासीनता और लापरवाही के कारण यह योजना अनदेखी की भेंट चढ़ चुकी है। इस योजना के तहत पंचायत भवन, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में किए गए घटिया काम के चलते करोड़ों खर्च करने के बाद भी पानी नसीब नहीं हुआ। अधिकतर बच्चे और स्टाफ को घरों से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालात यह है कि अधिकांश स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में मोटर खराब है तो कही पर वांश बेसिन व नल लाइन ही उखड़ चुकी है। कहीं तो नल ही गायब है। कई जगह तो भवन से सिंथेटिक की टंकी गायब है। कई स्थानों पर कनेक्शन ही नहीं किए गए हैं। इतना ही नहीं कई जगह पर तो मोटर पंप तक गायब है।

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इछावर तहसील क्षेत्र की 20 से अधिक ग्राम पंचायत करीब 154 आंगनबाड़ी केंद्र और 230 के लगभग प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शुद्ध पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करीब डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की लागत से पानी की सिंथेटिक टंकी रखवाने के साथ ही हैंडपंप के बोर में मोटर पंप डालकर नल कनेक्शन दिये गए थे। जल जीवन मिशन के तहत पीएचई विभाग के ठेकेदार के माध्यम से यह काम कराया गया था। पिछले दिनों आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में जाकर योजना की हकीकत देखी तो कहीं नल गायब मिलें तो कहीं वांश बेसिन व नल लाइन उखड़ी हुई दिखाई दी । अधिकांश जगहों पर मोटर पंप खराब होना पाया गया। जबकि कई जगह पर तो बिजली के कनेक्शन ही नहीं किए गए । अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल में पीने के लिए लगाए गए नल और पानी की पाइप लाइन तक उखड़ चुकी है। स्कूल स्टाफ ने बताया कि इस योजना का लाभ चंद दिनों भी नहीं मिल सका। इस संबंध में अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई है, लेकिन हर बार आश्वासन मिला है। अब तक कार्रवाई नहीं की गई है।

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यह होना था कार्य

योजना के तहत प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय सहित आंगनबाड़ी केंद्रों में जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी की एक हजार लीटर की टंकी व हैंडपंप के बोर में मोटर डालकर नल कनेक्शन के माध्यम से पानी पहुचाना था । प्राथमिक विद्यालय में पांच कनेक्शन देना था। जिसमें वांश बेसिन लगाने के साथ ही एक कनेक्शन किचन में और एक एक कनेक्शन बालक बालिकाओं के वाशरूम में देना था। दो कनेक्शन पीने के पानी के लिए करने का प्रावधान था। माध्यमिक विद्यालय में सात कनेक्शन व आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन कनेक्शन देना थे। लेकिन अधिकांश स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में योजना के नाम पर महज रस्म अदायगी की गई। नतीजन बच्चों को अभी भी पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

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इन हालातों से समझिए स्थिति

  1. विकासखंड मुख्यालय से महज 6 किमी दूर सेवनिया स्थित मिडिल स्कूल में ठेकेदार ने सालों से बंद पड़े हैडपंप में ही मोटर डाल दी। इतना ही नहीं खंडहर हो चुके भवन व किचन में वांश बेसिन और नल टोटु लगा दी। नल लाइन बाहर होने के कारण फीटिंग के चंद दिनों के बाद उखड़ गई। स्कूल स्टाफ ने बताया कि योजना के तहत एक दिन भी पानी नहीं मिला। बच्चे व स्टाफ अपनी प्यास बुझाने के लिए घर से ही पानी लाने को मजबूर हैं।
  2. दौलतपुर मिडिल स्कूल एक शाला एक परिसर है । हालांकि ठेकेदार ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के नाम पर दो अलग अलग कनेक्शन किए, लेकिन कनेक्शन के बाद से ही मोटर पंप खराब होने के कारण यह बंद है। परिसर मे लगें जिस हैंडपंप से विद्यार्थी और ग्रामीण पेयजल की आपूर्ति करते थे, उसकी मोटर खराब होने व हैंडपंप नहीं होने के कारण यह अनुपयोगी बना हुआ है। यही हाल दूसरे हैंडपंप का है इसकी मोटर तो डालने के साथ ही बंद पड़ी है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि मोटर ठीक कर कनेक्शन चालू कराने के लिए कई बार संबंधित अधिकारियों से मांग की गई। लेकिन व्यवस्था में सुधार आज तक नहीं हुआ। हैरानी की बात यह है कि स्कूल के सामने खंडहर हो चुके शौचालय के अंदर नल कनेक्शन लगा दिए, जबकि इस शौचालय का लंबे समय से ताला तक नहीं खुला है।
  3. नयापुरा आंगनबाड़ी केंद्र में फीटिंग उखड़ी पड़ी है। नल भी गायब है। यही हाल मंडलगढ़, कांकरखेड़ा, दुदलई आदि स्कूलों में भी देखने को मिले। मंडलगढ़ सहित अन्य आदिवासी बाहुल्य इलाकों में स्थित बद से बदत्तर है । कहीं टंकी चटक गई तो कही टंकी ही गायब है।

वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया

जनपद क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में मोटर पंप खराब होने और लाइन उखड़ने सहित विभिन्न कारणों के चलते योजना के तहत पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।

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