प्रतीक चौहान. रायपुर. आयुष्मान योजना और डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत निजी अस्पतालों को किए गए करोड़ों के संदिग्ध भुगतान के मामले में अब कार्रवाई की चर्चा पूरे स्वास्थ्य विभाग में है. चर्चा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के तमाम जिम्मेदारों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. इस संबंध में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं से फोन कर कई बार पुष्टि करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का दावा है कि स्टेट नोडल एजेंसी की हॉस्पिटल कंसल्टेंट प्रियंका लालवानी को 1 महीने की अंतिम नोटिस जारी कर उनकी संविदा अवधि को समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया गया है. लेकिन सवाल ये है कि जिन-जिन अस्पतालों को करोड़ों रुपए के संदिग्ध भुगतान हुए है उनके खिलाफ क्या कार्ऱवाई होगी ? इतना ही नहीं संदिग्ध भुगतान कर शासन को करोड़ों की चपत लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी ? इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी के पास नहीं है.
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने ये भी स्पष्ट नहीं किया है कि स्वास्थ्य विभाग की जांच में कितने करोड़ का संदिग्ध भुगतान निजी अस्पतालों को किया गया है. बता दें कि इस पूरे संदिग्ध भुगतान किए जाने का मामला लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से उजागर किया था. लल्लूराम डॉट कॉम ने अपनी पड़ताल में बताया था कि एसीओ आईडी के नाम पर ये पूरे खेल हो रहा है.
जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच तो की, लेकिन रिपोर्ट जमा नहीं हुई. इसके बाद आचार संहिता लगी और मामला ठंडे बस्ते में चला गया. वहीं नई सरकार आने के बाद पुनः इस मामले ने तूल पकड़ा और जांच के बाद अब केवल संविदा अवधि समाप्त किए जाने की खानापूर्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामने आ रही है, क्योंकि जबकि इस मामले में शासन को कई करोड़ रुपए के भुगतान की चपत लगाई गई है.
सवाल ये भी है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से वो जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं जो विभाग की तरफ से मीडियो को अपना पक्ष रख सके.