राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। कोरोना संक्रमण काल में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक तरफ जहां किसानों को पहले अपनी उपज बेचने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही थी, वहीं दूसरी अब उपज बिक जाने के बाद पैसों के लिए बैंक के चक्कर काट-काट कर किसानों के पैरों की एड़ियां घिसे जा रही है. आलम ये है कि किसानों को अब अपने बिके हुए उपज के बदले टोकन मिल रहा है.

दरअसल मामला ये है कि प्रदेश में किसानों की उपज तो सरकार ने खरीद लिया है, लेकिन अब तक किसानों को पैसों का इंतजार है. किसानों के खातों में पैसा तो पहुंच गया है, लेकिन बैंक से पैसा लेने जाने पर टोकन मिल रहा है.

कांग्रेस ने सरकार को दी चेतावनी

किसानों को पैसे न मिलने पर कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी है. कांग्रेस ने कहा कि अगर किसानों को पैसा नहीं मिला तो अनलॉक सरकार नहीं कांग्रेस कर देगी. कांग्रेस महामंत्री अवनीश भार्गव ने कहा कि किसानों के लिए कांग्रेस सरकार की ईंट के ईंट बजा देंगी, सरकार को हिलाकर रख देगी, इसलिए समय पर पैसा दिया जाए. उन्होंने कहा कि दो लाख प्रतिदिन की सीमा समाप्त की जाए.

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सहकारी बैंकों का मिसमैनेजमेंट ने बिगाड़ा गणित

बता दें कि किसानों के पैसों के लेनदेन के लिए सहकारी बैंकों का मैनेजमेंट गड़बड़ा गया है, जिससे उनका बजट बिगड़ गया है. अब आलम ये है कि बैंकों में पैसे न होने के कारण उन्हें टोकन दिया जा रहा है. किसानों को मिलना था पैसा और बैंक टोकन दे दे रहे हैं. किसानों के बैंक पहुंचने पर पैसे के बजाय उन्हें वेटिंग टोकन थमाए जा रहे हैं. जिससे किसानों को कई दिनों तक अपने नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है. बैंक द्वारा टोकन थमाए जाने के बाद किसानों का कहना है कि उन्हें नंबर का टोकन नहीं जल्दी पैसा चाहिए.

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गौरतलब है कि प्रदेश के कई हिस्सों से ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं, जहां किसानों को टोकन नंबर के चलते रातभर बैंक के सामने ही सोना पड़ रहा है. इस दौरान किसान अपने कार्ड का नंबर लगाकर ही जमीन पर सोने को मजबूर हैं.

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