कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। गुजरात में बीजेपी ने 40 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए, नतीजे आए तो BJP ने कुल सीटों में से 86 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। गुजरात की बंपर जीत के बाद मध्यप्रदेश में होने वाले 2023 विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूला अपनाए जाने की संभावना बढ़ गई है। अगर गुजरात फॉर्मूला अपनाया जाता है तो MP में BJP के मौजूदा 127 में से 50 विधायकों के टिकट पर तलवार लटक जाएगी।

दरअसल, प्रदेश में संगठन ने भी साफ कर दिया है कि गुजरात की तर्ज़ पर चुनाव लड़ा जाएगा। यही वजह है कि उपचुनाव में हारने वाले सिंधिया समर्थकों के टिकट कटने के आसार भी नजर आ रहे हैं।

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मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी है। 2018 चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी को झटका देते हुए 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। इस दौरान बीजेपी 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। वहीं अन्य राजनीतिक दलों के सहयोग से कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। लेकिन 2020 में सिंधिया की कांग्रेस से बगावत के बाद भाजपा फिर से सत्ता में काबिज़ हो गई।

2023 में बीजेपी के लिए चुनाव बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि नेतृत्व और प्रत्याशियों को लेकर बीजेपी में अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। इसी बीच गुजरात में 40 फीसदी पुराने चेहरों के टिकट काटकर बीजेपी के केंद्रीय संगठन ने सभी राज्यों को मैसेज दिया है। इसके बाद मध्यप्रदेश में बीजेपी के नेताओं में भी यह चर्चा छिड़ गई है। माना जा रहा है कि प्रदेश में पार्टी की अंदरूनी खींचतान के बीच बीजेपी गुजरात फॉर्मूला अपना सकती है। संगठन की बैठकों में नेतृत्व ने मौजूदा मंत्री विधायकों को ये मैसेज भी दे दिया है।

सिंधिया समर्थक मौजूदा मंत्री, विधायकों के टिकट पर लटकेगी तलवार?

मध्यप्रदेश में अगर गुजरात की तर्ज़ पर चुनाव लड़ा जाता है, तो भाजपा 40 फीसदी टिकट बदल सकती है। ऐसे में मौजूदा 127 विधायक मंत्रियों में से 50 के टिकट पर तलवार लटक जाएगी। वहीं बड़ी संख्या में हारे हुए चेहरे भी बदले जा सकते हैं। गुजरात फॉमूले के चलते सिंधिया समर्थक मौजूदा मंत्री विधायक और उपचुनाव में हारे हुए लोगों के टिकट पर तलवार लटक जाएगी।

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इनमें डबरा से इमरती देवी, ग्वालियर से मुन्ना लाल गोयल, करैरा से जसवंत जाटव, मुरैना से एंदल सिंह कंसाना, रघुराज कंसाना, गिरिराज दंडोतिया, भिण्ड गोहद से रणवीर जाटव के टिकट पर तलवार लटकेगी। गुजरात मे टिकट कटने के बाद बंपर जीत से सिंधिया समर्थक भी मानसिक रूप से तैयार हैं। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व जो फैसला करेगा उसके लिए वो तैयार है।

कांग्रेस ने जीत का किया दावा

इधर कांग्रेस इस बात को लेकर बेफिक्र है कि 2023 के चुनाव में उनकी सरकार बनेगी। कांग्रेस का दावा है कि मध्यप्रदेश में आने वाले चुनाव में जनता बीजेपी को नकार देगी और 2018 की तरह बहुमत हासिल होगा। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि प्रदेश में बीजेपी खेमे में बटी हुई है। इसलिए चुनाव के दौरान टिकटों के लिए भी मारामारी होगी और भाजपा की टूटफूट से कांग्रेस को फायदा मिलेगा।

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मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की चुनावी कमान केंद्रीय नेतृत्व के हाथों में रहेगी। 2018 में मिली हार से सबक लेते हुए बीजेपी अब प्रदेश में गुजरात फॉर्मूले पर चुनाव में उतरेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश बीजेपी ने सभी विधायक मंत्रियों और टिकट के दावेदारों को संगठन का पाठ पढ़ाया रहा है।

वर्तमान में विधानसभा में संख्या

बीजेपी – 127
कांग्रेस – 96
बीएसपी – 02
सपा – 01
निर्दलीय – 04

ग्वालियर चंबल अंचल में कुल विधानसभा सीटें 34

2018 विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद

BJP – 07
CONG – 26
BSP – 01

2020 विधानसभा उप चुनाव नतीजों के बाद वर्तमान

BJP – 17
CONG – 17
BSP – 00

2020 के विधानसभा उपचुनाव में BJP ने 16 में से 9 सीटें जीती। आंकड़ा बीजेपी का 07 से बढ़कर 16 हुआ, जबकि कांग्रेस 26 से घटकर 17 पर आ गई। इसी साल भिण्ड के BSP विधायक संजीव सिंह ने BJP का दामन थामा। अब बीजेपी-कांग्रेस बराबर हो गई हैं। यानी 17-17 पर आ गयी है।

बहरहाल बीजेपी का प्रदेश और केंद्रीय संगठन प्रदेश भर में अलग-अलग अंचलों के दौरे कर रहा है और सीधे मिशन 2023 की तैयारियों में जुटा हुआ है। यही कारण है कि संगठन पार्टी के लोगों को पाठ पढ़ाने के साथ उन्हें धीरे-धीरे गुजरात फॉर्मूला और उसके लागू होने पर किस तरह मिलजुल कर एमपी बीजेपी को सत्ता की मंजिल तक पहुंचाना है इस पर जोर दिया जा रहा है।

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