इस व्यस्ततम जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए अपनी दिनचर्या में हर किसी को योग और व्यायाम की मदद लेनी बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि ये मन और शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन विकल्प है. दिनचर्या में आप कपालभाति प्राणायाम को शामिल करके भी अपनी सेहत को पटरी पर ला सकते हैं.

आज हम आपको कपालभाति प्राणायाम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे स्वास्थ्य का खजाना माना जाता हैं, क्योंकि दैनिक रूप से किया गया इसका अभ्यास सेहत को कई फायदे पहुंचाते हुए निरोगी काया देने में मदद करता हैं. आज हम आपको कपालभाति प्राणायाम करने के तरीके, सावधानियां और इससे सेहत को मिलने वाले फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में. Read More – भारत में लॉन्च होंगे Tecno Phantom X2 Series के दो नए स्मार्टफोन, जानें कीमत और फीचर्स …

ऐसे करें कपालभाति आसन

  1. कपालभाति करने के लिए सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं. इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं. अब इसे अपने दोनों घुटनों पर रखें.
  2. अब गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें. ऐसा कुछ मिनट तक लगातार करते रहें, एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें.
  3. कपालभाति करने के बाद थोड़ी देर तक ताली बजाएंगे, तो ज्यादा फायदे मिलेंगे. अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखेंगे तो आपको शरीर में वाइब्रेशन महसूस होगा, जो विषाक्त पदार्थों के बाहर निकलने का संकेत है. ये वाइब्रेशन आपके दिमाग को अच्छा फील कराने में मदद करेगा.
  4. इसे करने के बाद कुछ देर सुखासन में बैठकर अपने शरीर को ऑब्जर्व करें. अब धीरे-धीरे गहरी लंबी सांस लें और सांस छोड़ें.

कपालभाति प्राणायाम से मिलने वाले फायदे

ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मददगार

कपालभाति आसन में सांस लेने का यह उन्नत अभ्यास रक्त में कार्बनडाई ऑक्साइज लेवल को कम करने में मदद करता है. जिससे शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है. इस श्वास तकनीक में ‘सक्रिय सांस छोड़ना और निष्क्रिय सांस लेना’ शामिल है और शरीर में लो ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में मदद करता है.

डाइजेस्टिव सिस्टम में मजबूती

कपालभाति डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करता है. यह गैस, एसिडिटी, कब्ज आदि में तो फायदेमंद होता ही है साथ ही यह कपालभाति करने से बॉडी के अंदर होने वाली अल्सर की समस्या से भी बचाता है और ब्लॉकेज नहीं होने देता है.

इम्युनिटी बढ़ाता है

नियमित रूप से कपालभाति का अभ्यास करते हैं तो कई रोगों पर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा कपालभाति प्राणायाम शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है. Read More – Safe Driving Tips : वाहन चलाते समय भूल से भी न करें ये 3 काम, वरना हो सकता है जान को खतरा …

हार्मोंस करता है बैलेंस

यह रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए भी बहुत अच्छा होता है. इसके नियमित अभ्यास करने से ब्लड की सप्लाई यूट्रस, फैलोपियन ट्यूब और ओवरीज में बढ़ती है, जहां पर साफ-सफाई का काम हो जाता है. जैसे कि पीसीओडी होने पर सिस्ट बन जाते हैं. यह सिस्ट हार्मोनल इंबैलेंस के कारण बनते हैं. लेकिन जब कपालभाति प्राणायाम किया जाता है तब इससे हार्मोंस बैलेंस होते हैं. अगर पीसीओडी में कपालभाति किया जाए, तो बदलाव दिखाई देने लगता है.

नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद

नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानियों में कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है. कपालभाति का अभ्यास करने से ब्रेन सेल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है. ब्रेन सेल्स को बेहतर बनाने के लिए और मेमोरी की क्षमता बढ़ाने के लिए कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए. माइग्रेन, स्टेस और डिप्रेशन की समस्या में कपालभाति के अभ्यास बहुत फायदा मिलता है.

हार्ट से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद

यह कार्डियो वैस्कुलर सिस्टम के लिए बहुत अच्छा होता है. इसमें जब बार-बार पंपिंग की जाती है, तब ब्लड की सप्लाई बढ़ती है और सीधा हार्ट पर जाकर उसकी ब्लॉकेज को खोलता है, आर्टरीज और वेन्स की ब्लॉकेज भी खोलती है. जिनको भी हार्ट से संबंधित समस्याएं होती हैं, उनको कपालभाति की फर्स्ट फॉर्म कराई जाती है. इसमें पूरा इनहेल होता है और थोड़ा सा पंप किया जाता है.

कपालभाति करते समय सावधानियां

  1. कपालभाति करते वक्त आप सांस लेने की स्पीड को घटाएं या बढ़ाएं नहीं, एक समान रखें.
  2. इस आसन को करते वक्त आपका पूरा ध्यान पेट के मूवमेंट पर होना चाहिए, सांसों पर नहीं.
  3. कपालभाति करते समय आपके कंधे नहीं हिलने चाहिए.
  4. सांस अंदर लेते वक्त पेट बाहर की ओर और सांस छोड़ते वक्त पेट अंदर की ओर होना चाहिए.
  5. हार्निया, अल्सर या फिर सांस की बीमारी वाले लोग इसे उचित परामर्श के साथ करें.